कोरोना की तीसरी लहर की संभावनाओं के बीच डेंगू ने जैसलमेर में दस्तक दी है, लेकिन कमाल की बात तो ये है कि जिले के CMHO साहब कमलेश चौधरी को अभी तक इसकी जानकारी भी नहीं है। डेंगू चुपके से जैसलमेर शहर व आसपास के इलाकों में घुस आया है। शहर के निजी अस्पताल में चार मरीज डेंगू का इलाज करवा रहे हैं।
जब इस बाबत सीएमएचओ कलमेश चौधरी से जानकारी चाही तो उन्होंने कहा, " मैंने भी सुना है ऐसा कहकर बात को आगे बढ़ाया तथा कहा कि हमने निजी अस्पताल से रिपोर्ट मांगी है। जब रिपोर्ट मिल जाएगी तब हम आगे टीम बनाकर डेंगू से बचाव के उपचार करेंगे। इन साहब को कौन बताए कि जिले में मानसून पिछले महीने ही आ गया था और बरसात भी अच्छी हुई है। ऐसे में मौसमी बीमारियों के साथ साथ डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियां कभी भी दस्तक दे सकती हैं। ऐसे में उनकी जानकारी नहीं वाली टिप्पणी इनकी तैयारियों को दर्शाती है।
जुलाई महीने मे ही आ गया था डेंगू
जैसलमेर में जुलाई में ही पहला डेंगू का केस सामने आया था जिसमें शहर के कुम्हार पाड़ा निवासी एक 15 साल के बच्चे को डेंगू कि पुष्टि हुई थी। उसके परिजन उसे जोधपुर लेकर गए और उसका उलाज करवाया। उसके बाद 22 जुलाई को उसी 16 वर्षीय किशोर कि माता को डेंगू हो गया था जिसका इलाज जैसलमेर शहर में ही स्थित एक निजी अस्पताल में करवाया गया था।
मां बेटे दोनों ही डेंगू से स्वस्थ हो गए थे। उसके बाद एक और 80 वर्षीय महिला जो शहर स्थित चूरा पाड़ा कि निवासी है उनमें 29 जुलाई को डेंगू कि पुष्टि हुई। उनके परिजनों ने भी निजी अस्पताल में इलाज करवाया और वे भी डेंगू से सही हो गई। फिर 20 अगस्त को जानकारी मिली कि डेंगू के चार मरीज और भी मिले हैं जिनका भी जैसलमेर शहर के निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है। इनमें शहर के तीन व रामगढ़ से एक मरीज है। शहर के मरीजों में दो सगे भाई शामिल हैं। गौरतलब है कि इनमें से 5 मामले तो पटवा हवेली के आस पास के इलाके में हैं।
स्वास्थ्य विभाग नींद में
जैसलमेर में मानसून के प्रवेश के साथ ही जिले में भारी बारिश के बाद डेंगू की संभावनाएं जताई जा रही थीं। हालांकि डेंगू की दस्तक से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महकमा अभी भी अनभिज्ञ है क्योंकि अब तक डेंगू के मरीज के तौर पर पुष्ट होने वाले सारे मरीज निजी अस्पतालों में उपचार करवा रहे हैं। फिलहाल सभी मरीजों की स्थिति सामान्य है। इन मरीजों के बुखार के साथ खून में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घट रही थी जिस पर उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
स्वास्थ्य महकमेका निजी अस्पतालों से नहीं है कम्युनिकेशन
इधर, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का निजी अस्पतालों से नियमित कम्युनिकेशन नहीं होने से अब तक विभाग डेंगू की दस्तक से नींद में ही है। भास्कर ने इस संबंध में सीएमएचओ कमलेश चौधरी से बात की तो उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी में नहीं है, लेकिन अब निजी अस्पतालों से जानकारी ले रहा हूं। अगर ऐसा है तो टीम बनाकर आगे की कार्रवाई करेंगे तथा पटवा हवेली इलाके की फॉगिंग करवाकर सर्वे करवा लूंगा। इधर, जैसलमेर शहर के पटवा हवेली इलाके में आसपास रहने वाले लोगों में डेंगू की दस्तक से एक डर मन में बैठ गया है।
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