देगराय ओरण में बिजली की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से पक्षियों के मरने का सिलसिला नहीं थम रहा है। गुरुवार को एक और दुर्लभ प्रजाति के सिनेरियस गिद्ध की मौत हो गई। दुर्लभ गिद्ध की दर्दनाक मौत से पक्षी प्रेमी काफी दुखी हैं। एक के बाद एक लगातार हो रहे ऐसे हादसों और हादसों में दुर्लभ मूक पक्षियों की जान जाने से पक्षी प्रेमी काफी खफा भी हैं। पर्यावरण प्रेमी सुमेर सिंह ने बताया कि देगराय ओरण से निकल रही बिजली की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर प्रवासी पक्षियों की मौत की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। आए दिन हो रही घटनाओं में प्रवासी पक्षी काल का ग्रास बन रहे हैं। इसकी रोकथाम को लेकर प्रशासन कोई भी कदम नहीं उठा रहा है।
दुर्लभ है सिनेरियस गिद्ध
भारतीय उप महाद्वीप में गर्मियों में यह पक्षी बलूचिस्तान, गिलगिट, पंजाब, असम एंव हिमालय के कुछ हिस्सों में 1800 से 5600 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है। यह दक्षिणी यूरोप से पूर्वी चीन तक प्रजनन काल के समय पाया जाता है। जैसलमेर में ये देगराय ओरण और लाठी के इलाके में प्रवास में आए हुए हैं। काले रंग के इस गिद्ध की औसत लंबाई 110 सेमी होती है तथा खुले हुये डैनो समेत इसका फैलाव लगभग 9 फीट होता है। इसका सिर आम गिद्ध से बड़ा होता है तथा सिर के केवल पिछले हिस्से पर काले छोटे पंख होते हैं। हल्के गुलाबी रंग की गर्दन पर पंख नहीं होते तथा गर्दन के निचले छोर पर काले रंग के पंखो का वृत्ताकार गुच्छा होता है।
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