पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
जिन लोगों को मांगलिक कार्य करना है अथवा वाहन, भूमि, भवन खरीदना है, या फिर नवीन प्रतिष्ठान का शुभारंभ करना है, वे 12 मार्च तक कर लेंं। 13 को शनिश्चरी अमावस्या है और 14 मार्च से खरमास प्रारंभ होगा। इसी दौरान 21 मार्च से होलाष्टक भी प्रारंभ होगा, जो 28 मार्च तक चलेगा, जबकि खरमास का समापन 12 अप्रैल को होगा। खरमास के चलते खरीद-फरोख्त अथवा मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। इस बीच 23 व 24 मार्च को जरूर पुष्य नक्षत्र योग में खरीद-फरोख्त की जा सकेगी, परंतु मांगलिक कार्य नहीं होंगे। बावजूद इसके खरमास में पूजा-पाठ, कथा और सत्संग के आयोजन किए जा सकेंगे। पंडितों के अनुसार 13 मार्च को स्नान-दान अमावस्या रहेगी। इस दिन शनिवार होने से यह शनिश्चरी अमावस्या मानी जाएगी। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और जरूरतमंदों को भोजन व वस्त्र आदि का दान करने और शनिदेव को तिल व तेल आदि चढ़ाकर पूजा करने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होगी। उन्होंने बताया कि अगले दिन 14 मार्च से सूर्य के कुंभ से मीन राशि में प्रवेश होने के साथ ही खरमास (मलमास) शुरू हो जाएगा।
ज्योतिषियों के अनुसार... खरमास में तीर्थ यात्रा, पूजन और कथा कर सकेंगे
खरमास के चलते मांगलिक कार्य व नवीन प्रतिष्ठान का शुभारंभ और भूमि व वाहन आदि की खरीद-फरोख्त करना शुभ नहीं माना जाता है। खरीद-फरोख्त आवश्यक हो तो 23 व 24 मार्च को पुष्य नक्षत्र योग में कर सकते हैं, जिससे खरमास का दोष नहीं लगेगा। इस दौरान खरमास में तीर्थ यात्रा, पूजन, कथा आदि के आयोजन करने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
एक वर्ष में सभी 12 अमावस्या में शनिश्चरी अमावस्या महत्वपूर्ण
पंडितों का कहना है कि अमावस्या पर चतुर्ग्रही योग होने से इस दिन दान का विशेष महत्व है। फाल्गुन कृष्ण शनिवार के दिन पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, साध्य योग, नाग करण व कुंभ राशि के चंद्रमा की साक्षी अमावस्या होगी। एक वर्ष में सभी 12 अमावस्या में शनिश्चरी अमावस्या अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। अमावस्या पर चार ग्रहों की युति रहेगी। इनमें क्रमशः सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र कुंभ राशि में रहेंगे। अर्थात शनि की राशि में ही चर्तुग्रही युति योग बनेगा। दान धर्म में इसका महत्व है। शनि की प्रसन्नता के लिए जिनको शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या या शनि की महादशा चल रही है, वे शनिदेव का तिल तेल से अभिषेक तथा शनि की वस्तुओं का दान करें।
चैत्र नवरात्र ... 13 अप्रैल से होगा शुभारंभ इसके बाद विवाह के लिए कई शुभ मुहूर्त : खरमास समाप्त होने के बाद 13 अप्रैल से मांगलिक कार्य व खरीद-फरोख्त की जा सकेगी। इसी दिन से चैत्र नवरात्र का शुभारंभ होगा। ये नौ दिन खरीद-फरोख्त व शुभ कार्यों के लिए समृद्धिदायी रहेंगे।
पॉजिटिव- आज आसपास का वातावरण सुखद बना रहेगा। प्रियजनों के साथ मिल-बैठकर अपने अनुभव साझा करेंगे। कोई भी कार्य करने से पहले उसकी रूपरेखा बनाने से बेहतर परिणाम हासिल होंगे। नेगेटिव- परंतु इस बात का भी ध...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.