पदोन्नति के नियमो में बदलाव के कारण राज्य में सामाजिक, कृषि, वाणिज्य तथा चित्रकला विषय के शिक्षको को लंबे समय से पदोन्नति नही मिलने का दर्द सता रहा है। सामाजिक विज्ञान के शिक्षक की करीब 1991-92 से नियुक्ति के बाद भी उन्हें पदोन्नति का लाभ नही मिल पाया है। जबकि अन्य विषयों के कनिष्ठ शिक्षकों को पदोन्नति प्राप्त हो चुकी है।
अतः पदोन्नति से वंचित रहे शिक्षको को पृथक से विशेष तौर पर पदोन्नति के अवसर प्रदान करने की मांग को लेकर राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के महामंत्री अरविंद व्यास ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री व प्रमुख शासन सचिव, स्कूली शिक्षा जयपुर को पत्र भेजा है। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिलाध्यक्ष अनोपसिंह सोनू ने बताया कि आरपीएससी से चयनित व नवनियुक्त उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापकों-वरिष्ठ अध्यापकों को शिक्षण, विद्यालय प्रबंधन तथा उसके संचालन का अनुभव नही है। ऐसे में उप्रावि के संस्था प्रधान के पद पर सीधी भर्ती से चयनित उक्त वरिष्ठ अध्यापकों का पदस्थापन किया जाना उचित नही है।
सभाध्यक्ष सवाईसिंह ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा विगत सत्र में ऐसे वरिष्ठ अध्यापकों को सीधे उप्रावि प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्तियां प्रदान की है। जबकि शिक्षा विभाग उच्च प्राथमिक विद्यालय के संस्थाप्रधानों से शिक्षण कार्य के साथ-साथ विद्यालय की पुख्ता प्रबंध व्यवस्था व उसके सुचारू संचालन की अपेक्षा रखता है। संगठन के जिलामंत्री नटवर व्यास ने बताया कि उप्रावि संस्था प्रधान के पद का अनुभव पूर्व में किसी भी विद्यालय में कार्यरत अध्यापक को अपनी निरंतर सेवाएं देने के बाद ही प्राप्त होता है। ऐसे में उप्रावि प्रधानाध्यापक पद के लिए शैक्षणिक व प्रशासनिक अनुभव तृतीय श्रेणी शिक्षक के पास उपलब्ध होता है।
इसी कारण उप्रावि प्रधानाध्यापक के रिक्त पदों को पदोन्नति से भरा जाना समीचीन रहेगा। अतः विशेष अभियान चलाकर उमावि में वरिष्ठ अध्यापक के रिक्त पदों पर नवनियुक्त उप्रावि प्रधानाध्यापकों को पदस्थापित कर उनके स्थान पर पदोन्नति से वंचित सामाजिक विज्ञान, कृषि, वाणिज्य तथा चित्रकला विषय के शिक्षकों से ही पदोन्नति प्रदान कर राहत प्रदान की जाएं अन्यथा संगठन द्वारा विरोध प्रदर्शन कर आंदोलन किया जाएगा।
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