बॉर्डर सुरक्षा से जुड़ी जानकारी लीक करने के मामले में पकड़े गए रामसिंह ने पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। जिसे कुछ दिन पहले चुरू रतनगढ़ से गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में सामने आया कि रामसिंह करीब एक साल पहले पाक महिला एजेंट के हनीट्रैप में फंसा। आईएसआई के संपर्क में आया था। सूत्रों की माने तो सूचनाएं भेजने पर रामसिंह को मोटी रकम भी मिली है।
दरअसल, राज्य विशेष शाखा जयपुर की टीम व सीआईडी श्रीगंगानगर ने 25 से 28 जून तक श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व चूरू में चलाए गए ऑपरेशन सरहद अभियान के अंतर्गत करीब 23 लोगों को हिरासत में लिया था। इनमें से अब्दुल सत्तार निवासी वार्ड-19, डबलीराठान मौलवी, हनुमानगढ़ से नितिन यादव निवासी वार्ड-38 सूरतगढ़ और रामसिंह निवासी उम्मेदपुरा बिजराड़ बाड़मेर हाल विकास ट्रेडर्स रतनगढ़ चूरू को गिरफ्तार किया गया। 27 जून को रामसिंह को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के संपर्क में पाए जाने पर अपने साथ ले गई थr। बाड़मेर के बिजराड़ थाना क्षेत्र के उम्मेदपुरा का निवासी रामसिंह चूरू जिले के रतनगढ़ में फैक्ट्री में काम करता है। वह ममेरे लड़के की शादी में शामिल होने के लिए एक महीने 10 दिन की छुट्टी लेकर गया था। वह करीब एक साल से आईएसआई के संपर्क में था।
बाड़मेर में बॉर्डर से 1 किमी दूर है रामसिंह का घर
इंटेलिजेंस इनपुट के अनुसार रामसिंह के गांव उम्मेदपुरा करीब सौ-डेढ़ सो घर हैं। जो कि बॉर्डर से महज 1 किमी की दूरी पर है। उसकी फेसबुक प्रोफाइल से लोकेशन जानकारी लेकर आईएसआई महिला एजेंट ने हनीट्रैप में फांस लिया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हनीट्रैप में फंसने के बाद रामसिंह को मोटी रकम भी मिली है। देश की सामरिक सूचनाएं हैंडलर के जरिए पाकिस्तान की आईएसआई एजेंसी को भिजवाने के मामले पकड़े गए बाड़मेर के बिजराड़ थाना क्षेत्र के उम्मेदपुरा निवासी रामसिंह से सुरक्षा एजेंसियां पूछताछ कर रही है।
सोशल मीडिया के जरिए भेजते जानकारी
खुफिया एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक हनीट्रैप में फंसने के बाद रामसिंह सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं भेजता था। इसके बदले में इन जासूसों को मोटी रकम भी मिली थी।
रामसिंह के पिता मानसिक रोगी
गांव के स्थानीय लोगों ने बताया कि रामसिंह के पिता मानसिह मानसिक रोगी है। यह तीन भाई है। सबसे बड़ा रामसिंह है दो छोटे भाई है। एक छोटा भाई बकरियां चराने का काम करता है। वहीं रामसिंह पहले जोधपुर में काम करता था। बीते कुछ महीनों से चुरू रतनगढ़ में काम करता है।
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