गीता में वर्णित कर्म के पांच कारणों में जो पहला कारण है अधिष्ठान। अधिष्ठान का अर्थ होता है आधार। श्री क्षत्रिय युवक संघ के लिए समाज ही अधिष्ठान हैं अर्थात समाज हमारा आधार, हमारा कार्यक्षेत्र है। जिस समाज में हम कार्य करना चाहते हैं उसकी स्थिति क्या है उसे हमें जान लेना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति, पशु अथवा समाज मृत हो तो वह कुछ भी नहीं कर सकता। उस पर किए गए सभी उपाय व्यर्थ जाएंगे।
लेकिन यदि कोई समाज जीवित है तो उसमें कार्य करने का अर्थ बनता है। यह बात क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक भगवानसिंह रोलसाहबसर ने शिविर के पांचवें दिन सोमवार को प्रभात संदेश के दौरान कही। उन्होंने कहा कि तनसिंह ने समाज को मां का स्थान दिया है और मां का उत्थान नहीं किया जाता अपितु सेवा की जाती है। वह सेवा भी उपकार भाव से नहीं बल्कि अपने दायित्व निर्वहन के भाव से की जाती है।
बाड़मेर में भारतीय ग्राम्य आलोकायन संस्थान के आलोक आश्रम में 19 से 29 मई तक आयोजित हो रहे शिविर में देश भर से 400 से अधिक शिविरार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। भगवान सिंह रोलसाहबसर सोमवार को चौहटन के वीरातरा में वांकल माता मंदिर परिसर में चल रहे बालिका उच्च प्रशिक्षण शिविर में पहुंचे तथा शिविरार्थी बालिकाओं से भेंट की। शिविर में राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक आदि राज्यों की 170 बालिकाएं प्रशिक्षण ले रही है। वरिष्ठ स्वयं सेविका जागृति बा हरदास का बास द्वारा वरिष्ठ स्वयंसेवक जोरावर सिंह भादला के मार्गदर्शन में शिविर का संचालन किया जा रहा है।
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