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ग्राम पंचायत बाधा स्थित दुर्गाणी डूडियों की ढाणी, फुलासर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा एवं रात्रि कालीन भक्ति चरित्र एवं नानी बाई का मायरा के तीसरे दिन गुरुवार को व्यासपीठ से कथा वाचन करते हुए संत सियाराम महाराज ने कहा कि जिस पर भगवान की कृपा होती है तथा जो भगवान की भक्ति में लीन होता है, उसे ही श्रीमद् भागवत कथा श्रवण का अवसर प्राप्त होता है।
जो सच्चे प्रेम से भगवान का स्मरण करता है उसे भगवान की प्राप्ति होती है। संत ने कथा वाचन करते हुए कहा कि राजा परीक्षित को ऋषि के द्वारा श्राप मिलने पर परीक्षित सब कुछ त्याग कर गंगा तट पर आ गए तथा राजा के वहां पहुंचने पर ऋषि मुनि भी राजा के दर्शन करने के लिए आ रहे थे। ऋषि-मुनियों को प्रणाम कर राजा ऋषि-मुनियों को कहने लगे कि मुझे श्रृंगी ऋषि के द्वारा मुझे श्राप नहीं दिया। उन्हाेंने तो मुझे 7 दिनों में मृत्यु प्राप्त करने का वरदान दिया है। आप मुझे कुछ ऐसा उपाय बताओ कि मुझे मुक्ति प्राप्त हो सके। राजा परीक्षित एवं ऋषि मुनियों का संवाद चल ही रहा था कि उसी समय स्वामी परमहंस सुखदेव मुनि गंगा तट पर राजा परीक्षित के सामने प्रकट हुए। तब राजा परीक्षित ने सुखदेव मुनि से हाथ जोड़कर प्रार्थना करने लगे कि हे गुरुदेव आप ही है जो मुझे इस भवसागर से पार कर सकते हैं।
पॉजिटिव- आज आर्थिक योजनाओं को फलीभूत करने का उचित समय है। पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी क्षमता अनुसार काम करें। भूमि संबंधी खरीद-फरोख्त का काम संपन्न हो सकता है। विद्यार्थियों की करियर संबंधी किसी समस्...
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