अकाल की मार झेल रहे किसानों को खरीफ फसली ऋण चुकाने के लिए सरकार ने बड़ी राहत प्रदान की है। इस साल अवधिपार हो चुके किसानों को राहत देने हुए सरकार ने फसली ऋण चुकाने की अवधि 30 जून कर दी गई है। जबकि पहले 30 मार्च थी, इसलिए लाखों किसान अवधिपार हो चुके थे। अकेले बाड़मेर जिले के डेढ़ लाख प्रभावित किसानों को करीब 45 करोड़ रुपए का ब्याज चुकाना पड़ रहा था, लेकिन अब अवधि बढ़ने पर किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।
बाड़मेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के अधीन संचालित ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को अल्पकालीन ऋण नियमित अवधि के लिए शून्य फीसदी ब्याज से वितरण किया गया। वर्ष 2021-22 में खरीफ फसल बुवाई के लिए बाड़मेर जिले के 1 लाख 94 हजार किसानों को 776 करोड़ रुपए फसली ऋण वितरित किया गया, लेकिन मानसून की बेरुखी के चलते अकाल पड़ गया।
ऐसे में बाड़मेर जिले के डेढ़ लाख किसान निर्धारित अवधि 31 मार्च तक 550 करोड़ रुपए ऋण चुका नहीं पाए और सरकार तिथि नहीं बढ़ा रही थी। एक माह के लंबे इंतजार के बाद सरकार ने फैसला करते हुए फसली ऋण चुकाने की अवधि दो माह बढ़ा दी गई है। अब 30 जून तक किसान फसली ऋण बिना ब्याज चुका पाएंगें। साथ ही इस साल सरकार 2 लाख 10 हजार किसानों को 825 करोड़ का फसली ऋण बांटेगी।
इस घोषणा के बाद अब हजारों किसानों को राहत मिलेगी। किसान फसल खराबे और विभिन्न परिस्थितियों को लेकर पहले से फसली ऋण जमा करवाने की अवधि बढ़ाने की मांग कर रहे थे। इस घोषणा के बाद कई किसानों ने राहत की सांस ली है।
भास्कर ने उठाया था मुद्दा
दैनिक भास्कर ने डेढ़ लाखा किसानों की समस्या को उजागर किया था। जिसमें भास्कर ने 26 अप्रैल के अंक में चार साल से बढ़ रही ऋण चुकाने की अंतिम तिथि, डेढ़ लाख किसानों को लोन राशि के साथ 45 करोड़ चुकाना होगा ब्याज शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया। इसके बाद सरकार ने किसानों के दर्द को समझते हुए उनके पक्ष में फैसला कर अवधि बढ़ाई है।
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