बाड़मेर में डेंगू और मलेरिया का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। जिला अस्पताल की ओपीडी में इन दिनों सर्दी, खांसी, जुकाम के साथ बुखार के अत्यधिक मरीज सामने आ रहे है। बुखार के मरीजों में मलेरिया और डेंगू के मरीजों की भी लगातार पुष्टि हो रही है। लेकिन प्रशासन डेंगू को कंट्रोल करने में नाकाम साबित हो रहा है। सितंबर माह में जहां 157 मरीज सरकार रिकॉर्ड में सामने आए थे। इस माह के 12 दिनों में डेंगू के 83 व मलेरिया के 13 मरीज आए है। प्राइवेट लैबोरेटरी से टेस्ट करवाने का कोई रिकार्ड नहीं है।
दरअसल, जिले में कोरोना संक्रमण खत्म होने के साथ ही मौसमी बीमारियां बढ़ने लग गई और ओपीडी भी लगातार बढ़ती गई है। इस माह के पहले सप्ताह में ओपीडी 3 हजार के आसपास प्रतिदिन होती थी। बीते दो-तीन दिनों से ओपीडी 2500 के आसपास आ गई है। लेकिन ओपीडी बढ़ने के साथ-साथ डेंगू और मलेरिया के मरीज बढ़ने लग गए है। नगर परिषद शहर में फॉगिंग तो करवा रही है लेकिन डेंगू और मलेरिया को कंट्रोल करने में असफल हो रहे है। इससे स्वास्थ्य प्रशासन की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है।
पीएमओ डॉ. बीएल मंसुरिया के अनुसार जिला अस्पताल की ओपीडी अक्टूबर के पहले सप्ताह में करीब 3 हज़ार के आसपास पहुंच गई थी। लेकिन इन दिनों ओपीडी 2400- 2500 के आसपास चल रही है। ओपीडी में मौसमी बीमारियों के साथ मलेरिया और डेंगू के मरीज भी सामने आ रहे है। अक्टूबर माह में अब तक डेंगू के 83 नए केस मिले है इससे डेंगू के मरीजों का आंकड़ा इस साल अब तक 263 पर पहुंच गया है। वहीं इस माह में 13 मलेरिया के रोगी भी मिले है इससे मलेरिया के रोगियों की संख्या 17 पर पहुंच गई है। डॉ. मंसुरिया के अनुसार कुछ मरीज घरों में इलाज लेकर स्वस्थ हो रहे है तो कुछ मरीजों को अस्पताल में भर्ती करके भी इलाज दिया जा रहा है।
अब तक मिले 263 डेंगू मरीज
जुलाई माह में डेंगू के सिर्फ 2 मरीज सामने आए थे। अगस्त में 22, सितंबर में 157 और अक्टूबर के मात्र 12 दिन में डेंगू के 83 नए केस मिले है। वहीं सितंबर माह में मलेरिया के 4 केस थे जो अक्टूबर माह में बढ़कर 17 पर पहुंच गए है। लगातार बढ़ रहे मलेरिया-डेंगू के मरीजों ने स्वास्थ्य विभाग के सामने बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है। यह आंकड़ा सरकारी है। एक अनुमान के मुताबिक प्राइवेट लैबोरेटरी प्रतिदिन 400-500 डेंगू टेस्ट करते है। इसमें आधे से ज्यादा डेंगू मरीज आ रहे है। इसका स्वास्थ्य विभाग के पास रिकार्ड नहीं है।
एलाइजा टेस्ट के पॉजिटिव को मान रहे संक्रमित
स्वास्थ्य विभाग केवल एलाइजा टेस्ट में आ रहे पॉजिटिव को ही डेंगू संक्रमित मान रहा है। ऐसे में शहर और कच्ची बस्तियों में किसी प्रकार की मलेरिया रोधी गतिविधि नहीं अपनाई गई है। वहीं गांवों में भी अब तक फोगिंग नहीं करवाई गई है। डेंगू व मलेरिया मरीजों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय बनती जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू व मलेरिया के लगातार केस आ रहे हैं, लोगों को सतर्कता बरतने की जरूरत है।
यह सावधानी अपनाएं
डॉ बीएल मंसूरिया का कहना है कि मौसमी बीमारियों के चलते मच्छरों से बचाव का उपाय जरूरी है। लोगों को मच्छरदानियों का प्रयोग करना चाहिए। घरों में साफ-सफाई रखें। मोहल्लों व घरों के आस-पास पानी भराव को रोकें। शरीर को पूरा ढक कर सोएं। ठंड के साथ बुखार का आना, तेज बुखार, प्लेटलेट्स में कमी होना, शरीर दर्द, जोड़ों में दर्द, उल्टी होने पर डॉक्टर से तुरंत जांच करवाएं। खाने पीने का ध्यान रखें।
डेंगू के प्रमुख लक्षण
डेंगू के लक्षण तेज बुखार, सिर में दर्द, गले में खराश, जोड़ों में दर्द है। इसके अलावा कुछ मरीजों में पेट में दर्द, उल्टी होना, उल्टी में खून आना भी डेंगू के लक्षण हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2017 में डेंगू के 190 मरीज आए थे। चार साल बाद इस बार साढे तीन माह में 263 डेंगू के केस सामने आ चुके हैं। यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।
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