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नौकरी करते हासिल की RAS में 22वीं रैंक:किसान का बेटा बना आरएएस अधिकारी, RAS हनुमानराम बोले- मैंने पिता का सपना था किया पूरा, रेगुलर पढ़ाई से मिली सफलता

बाड़मेर2 वर्ष पहले
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आरएएस अधिकारी हनुमानराम विरड़ा। - Dainik Bhaskar
आरएएस अधिकारी हनुमानराम विरड़ा।

राजस्थान प्रशासनिक सेवा के मंलगवार रात जारी हुए परिणाम में बाड़मेर जिले के बिसारणियां निवासी हनुमानराम विरड़ा को 22 वीं रैंक मिली है। हनुमानराम 2016 से लगातार आरएएस की तैयार कर रहे थे और दूसरे प्रयास में आरएएस में 22 रैंक मिली है। गिराब निवासी नरपत सिंह प्रदेश का संभवतया सबसे कम उम्र में आरएसएस में चयन होने वाला कैंडिडेट है। नरपत सिंह को 636 वीं रैंक मिली है।

आरएएस हनुमानराम एक छोटे से गांव बिसारणिया के रहने वाले हैं। इनके परिवार में पिता कौशलाराम, माता पेम्पो देवी और दो भाई और छह बहने हैं। हनुमान ने बताया, पिता और भाई गांव में खेती करते हैं और खेती करके ही मुझे पढ़ाया लिखाया। मेरे पिता कौशलाराम का सपना था कि मैं आरएएस बनूं। मैंने 2016 में भाटिया आश्रम सूरतगढ़ से आरएएस की तैयारी शुरू कर दी थी। 2016 में मैंने आरएएस की परीक्षा दी, लेकिन तब फाइनल में हुआ नहीं था। फिर 2018 में मेरा चयन बाड़मेर में सांख्यिकी विभाग संगणक के पद पर हो गया, लेकिन मेरा लक्ष्य और मेरे पिता का सपना था कि मैं मेन में ही जाऊं इसलिए मैंने सरकारी नौकरी करते हुए आरएएस की तैयारी को छोड़ा नहीं। अब मेरा चयन आरएएस में हो गया है।

RAS हनुमानराम को मिठाई खिलाकर मुंह मिठा करवाते मां और परिवार सदस्य।
RAS हनुमानराम को मिठाई खिलाकर मुंह मिठा करवाते मां और परिवार सदस्य।

हनुमानराम ने बताया, मेरे आरएसएस बनने में मेरे माता-पिता, मेरे मामा बालाराम कड़वा, भाई अशोक सिंह कड़वा, बड़े भैया चूनाराम व हेमाराम, मेरे टीचर प्रवीण भाटिया और मेरे नवोदय और अन्य साथियों को श्रेय देना चाहता हूं जिन्होंने मेरा समय पर हौसला बढ़ाया और हर संभव मदद भी की। हनुमानराम का कहना है कि पढ़ाई निरंतर होनी चाहिए चाहे वो 4-5 घंटे ही क्यूं न हो।

हनुमानराम कुर्जा कास्टेबल से बना आरएएस अधिकारी रैंक 76
हनुमानराम कुर्जा कास्टेबल से बना आरएएस अधिकारी रैंक 76

कांस्टेबल बना आरएएस

बाड़मेर जिले के कुर्जा निवासी आरएएस हनुमानराम जैसलमेंर में कांस्टेबल पद पर तैनात है। हनुमानराम का आरएएस रिजल्ट में 76 रैंक मिली है। हनुमानराम बताते है कि 2008 में घरेलू आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण मैने एसटीसी को बीच में छोड़कर पुलिस की परीक्षा देकर कांस्टेबल बना था लेकिन मेरा लक्ष्य आरएएस बनाना था। मेरे गुरु भैराराम पोटलिया (IRS) ने शुरू से मुझे RAS बनने के लिए प्रोत्साहित किया। मेरे पिता रावताराम, माता नेनूदेवी, दादी नेनूदेवी भाई पोकर और पत्नी पारू (कांस्टेबल) ने हमेशा पढाई के लिए प्रेरित किया। 13 साल की नौकरी करने के बाद मेरा आरएएस बनने का सपना पूरा हुआ है। मैं मेरे पुलिस साथियों को एक ही संदेश देना चाहता हूं कि आप एक लक्ष्य लेकर चलो सफलता अवश्य मिलेगी।

आरएएस सलेक्ट नरपत सिंह, रैंक 636
आरएएस सलेक्ट नरपत सिंह, रैंक 636

सबसे कम उम्र का आरएएस

बाड़मेर जिले के गिराब निवासी नरपत सिंह (24) पुत्र सूरत सिंह का पहली बार में आरएएस में चयन हो गया है। नरपत सिंह राजस्थान में सभवत: सबसे कम उम्र में सलेक्शन होने वाले पहले युवा होंगे। नरपत की जन्मतिथि 15 नवम्बर 1997 है। नरपत 2017 में पटवारी के लिए चयन हुआ था। पटवारी की नौकरी करते हुए आरएएस की तैयारी कर चयन हुआ है।

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