नकल गिरोह का मुख्य सरगना व हिस्ट्रीशीटर भंवरलाल राजस्थान ही नहीं यूपी, एमपी व गुजरात समेत पांच राज्यों में प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जीवाड़े का नेटवर्क चलाता था। प्रदेश में रीट जैसी बड़ी परीक्षा में डमी अभ्यर्थी बिठाने, नकल करवाने के लिए अभ्यर्थी से 12 लाख रुपए में सौदा तय होता और तीन लाख रुपए एडवांस लेता था। यानी एक भर्ती में फर्जी तरीके से अभ्यर्थियों के पास करवाने की एवज में एक करोड़ रुपए कमाता था। 16 साल में एसआई, ग्रेड थर्ड, ग्रेड सैकंड शिक्षक भर्ती, ग्रामसेवक, पटवारी,पुलिस,बीएसटीसी, रीट, एलडीसी समेत करीब एक दर्जन प्रतियोगी परीक्षाओं में एक हजार अभ्यर्थियों को फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने में कामयाब रहा।
डमी अभ्यर्थी बिठाकर या पेपर आउट करने की एवज में अब तक 50 करोड़ रुपए से अधिक रुपए वसूलने का खुलासा हुआ है। डूंगरपुर में रीट 2021 में डमी अभ्यर्थी बिठाकर पास करवाने की एवज में 16 अभ्यर्थियों से एक करोड़ रुपए वसूल लिए। 26 सितंबर को रीट परीक्षा पास करवाने की तैयारी में था, लेकिन इस बीच पुलिस ने नकल गिरोह का पर्दाफाश कर दिया।
16 साल की नौकरी में 2 बार सस्पेंड व एक बार बर्खास्त
भंवरलाल ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती 2005 में पहली नौकरी राउप्रावि कोसरिया बायतु में हासिल की थी। नौकरी के लिए पुलिस की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज तैयार कर नौकरी हासिल कर ली। फर्जी चरित्र प्रमाण पत्र और आपराधिक रिकार्ड छिपाने के मामले में 16 माह की नौकरी के बाद 2007 में शिक्षा विभाग ने बर्खास्त कर दिया। इसके बाद हिस्ट्रीशीटर भंवरलाल वर्ष 2008 में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती से दूसरी बार डूंगरपुर में शिक्षक लग गया। डूंगरपुर में ही 13 साल से नौकरी कर रहा था। 2012 में डूंगरपुर में भी फर्जी दस्तावेज से नौकरी लगने की शिकायत पर शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया, लेकिन एक-डेढ़ साल बाद बहाल हो गया। इस बार रीट परीक्षा में डमी अभ्यर्थी बिठाने व नकल गिरोह के आरोप में गिरफ्तार होने पर तीसरी बार सस्पेंड हुआ।
डमी अभ्यर्थी के लिए तीन लाख एडवांस
आरोपी शिक्षक भंवरलाल जाट ने साल 2008 से 2012 तक डूंगरपुर जिले के चिखली ब्लॉक के स्कूल में नौकरी की है। इस वजह से क्षेत्र से अच्छी तरह से वाफिक था। सरकारी स्कूल का शिक्षक होने से अच्छी जान पहचान हो गई थी। लोगों को नौकरी का झांसा देने के साथ कई सपने भी दिखाता था। लोग भी बिना तैयारी के नौकरी मिलने के लालच में आकर फंस जाते थे। परीक्षा में पास करवाने की गारंटी देता था। इसके लिए पहले तीन लाख रुपए एडवांस लेता और शेष राशि चयन होने पर वसूल करता था।
एसआई परीक्षा में बैठाए थे तीन डमी अभ्यर्थी
सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में डूंगरपुर के सालेड़ा के दो व बावड़ी के एक अभ्यर्थी के बदले अन्य डमी कैंडिडेट को परीक्षा में बिठाया था। इसके लिए 12-12 लाख रुपए लेना तय किया गया था। सालेड़ा निवासी मुकेश पुत्र मणीलाल अहारी, सालेड़ा निवासी राकेश पुत्र धुलाजी अहारी, बावड़ी कालियाफला निवासी पृथ्वीराज पुत्र मोतीलाल डामोर के प्रवेश पत्र मय भरी ओएमआर मार्कशीट की कार्बन प्रति भी शिक्षक के किराये के घर से मिली है। मुकेश कुमार डूंगरपुर स्थित जिला जेल का प्रहरी है। पीठ कस्बे के भोलेनाथ कॉम्पलेक्स में कार्रवाई होने के बाद जेल प्रहरी मुकेश फरार है।
हिस्ट्रीशीटर भंवरलाल डीलिंग करता,दो साथी अभ्यर्थी लाते
भंवरलाल जाट व बाड़मेर के धोरीमन्ना निवासी भंवरलाल बिश्नोई कॉलेज से ही दोस्त हैं। 2015 में कभी नकल कराने व पेपर आउट कराने का प्रयास करते थे। इनकी मदद बाड़मेर का ही (तीसरा साथी) राजेंद्र राजगुरु उर्फ लादूराम करता रहा है। राजेंद्र कोटा में कोचिंग सेंटर चलाता है। राजेंद्र परीक्षा केंद्रों में सेटिंग कराने व डमी कैंडिडेट बैठाने में भंवरलाल विश्नोई की मदद करता था। गिरफ्तार भंवरलाल जाट का काम सिर्फ डीलिंग था। यह राशि भंवरलाल विश्नोई तक पहुंचती थी। उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा 2021, जूनियर अकाउंटेंट परीक्षा, फोरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा, स्टेनोग्राफर परीक्षा, कृषि पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा के लिए डीलिंग का खुलासा हुआ है। पुलिस पूछताछ में कई परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी बिठाने व नकल करवाने के मामलों का खुलासा होने की संभावना है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.