धोरीमन्ना क्षेत्र के झाखरड़ा रण को पक्षी विहार में विकसित करने की उम्मीद जगी है। 333 हेक्टेयर में फैले रण क्षेत्र को लेकर संरक्षित करने के साथ वेटलैंड बनाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर प्रक्रिया शुरू की गई। वन विभाग अब रण क्षेत्र की संभावनाएं ढूंढ़कर डीपीआर तैयार करेगा। यहां वर्ल्ड लाइफ वार्डन के चीफ अरविंद तोमर ने झाखरड़ा क्षेत्र का दौरा कर झाखरड़ा को विकसित करने को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए है।
धोरीमन्ना क्षेत्र का झाखरड़ा रण विलायती पक्षियों व वन्य जीवों का लंबे समय से बसेरा बन चुका है। रण वन क्षेत्र होने पर यहां नर्मदा नहर का ओवरफ्लो पानी छोड़ा जा रहा है। यह क्षेत्र 333 हेक्टेयर में फैला है, लेकिन इसके संरक्षण को लेकर कोई प्रयास नहीं हुए है। जबकि यहां यूरोप-ईरान से पक्षी पहुंच जाते हैं, लेकिन वन क्षेत्र व पक्षी विहार नहीं होने पर पक्षी स्थाई बसेरा नहीं कर पा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 3 मार्च के अंक में भास्कर ने 333 हेक्टेयर में फैल झाखरड़ा वन्य क्षेत्र में पानी के बीच है हजारों जीव, बन सकता है बड़ा वेटलैंड शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर झाखरड़ा रण में क्या हो सकता है? इसको लेकर संभावनाएं बताई थी। उसके बाद प्रशासनिक स्तर पर काम शुरू हुआ है।
झाखरड़ा में मिले हैं सर्वाधिक प्रवासी पक्षी
झाखरड़ा रण क्षेत्र में गत दो साल में 1 हजार 330 प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं। यहां इसके अलावा वन्य जीव भी सर्वाधिक पहुंच रहे है। हर साल यहां प्रवासी पक्षियों का बसेरा रहता है। यहां पाएड एवोसेट, ग्रेटर फ्लेमिंगो, ग्रे हैरेन, यूरेशिअन करल्यु, ब्क टेल्ड गोडविट सहित कई तरह के पक्षी बाड़मेर वन विभाग की गणना के दौरान नजर आए है। झाखरड़ा रण में देश का सबसे बड़ा पक्षी ग्रे हैरन भी देखा गया है। यहां नर्मदा नहर का पानी पहुंचने के बाद यह रण हरा-भरा नजर आ रहा है।
दो साल में आए 4 हजार 932 प्रवासी पक्षी: बाड़मेर जिले में गत दो साल में 4932 प्रवासी पक्षी आए है। वर्ष- 2020 में 73 प्रजाति के 2 हजार 594 पक्षी नजर आए तो वर्ष 2021 में 74 प्रजाति के 2 हजार 338 पक्षी देखे गए है।
यह है खारड़ा की संभावनाएं : वन्य जीवों के लिए बड़ा रेस्क्यू सेंटर, प्रवासी पक्षियों के लिए पक्षी विहार, टूरिज्म स्पॉट भी बन सकता है झाखरड़ा।
संरक्षित करने के लिए प्लान बना रहे है
झाखरड़ा रण क्षेत्र वन्य जीवों का बसेरा है। यहां प्रवासी पक्षी भी पहुंच रहे हैं। वर्ल्ड लाइफ वार्डन चीफ अरविंद तोमर ने दौरा किया है। इसे कैसे संरक्षित किया जाएं, इसको लेकर निर्देश दिए है। नर्मदा का पानी भी पहुंच रहा है। हम प्लान बना रहे हैं। डीपीआर बनने के बाद ही कुछ पता पाऊंगा। -संजय भादू, डीएफओ, वन विभाग।
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