किसान खरीफ फसल ब्याज मुक्त योजना इस बार किसानों व सहकारी समितियों के कर्मियों के लिए आफत बन गई है। पहले तो सरकार ने एक माह तक तिथि नहीं बढ़ाई तो डेढ़ लाख से अधिक किसान याेजना से बाहर हो गए थे। ब्याज मुक्त योजना के तहत किसानों को फसली ऋण 31 मार्च तक जमा करवाना होता है, लेकिन गत 4-5 साल से सरकार ऋण जमा करने की तिथि बढ़ाकर 30 जून कर रही है, ऐसे में किसानों ने निश्चित होकर खरीफ फसली ऋण जमा नहीं करवा पाए। जबकि सरकार ने तिथि बढ़ाने से इनकार कर दिया। डेढ़ माह के इंतजार पर अवधि तो 30 जून कर दी, लेकिन आदेश में 365 दिन का हवाला डाल दिया। ऐसे में बाड़मेर जिले के 38 हजार किसानों को ब्याज मुक्त योजना के लाभ से वंचित होकर याेजना से बाहर हो गए है। इन किसानों को पूरे साल का ब्याज चुकाना पड़ेगा।
दरअसल, बाड़मेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के अधीन संचालित ग्राम सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को अल्पकालीन ऋण नियमित अवधि के लिए शून्य फीसदी ब्याज से वितरण किया जाता है। वर्ष 2021-22 में खरीफ फसल बुवाई के लिए बाड़मेर जिले के 1 लाख 94 हजार किसानों को 776 करोड़ रुपए फसली ऋण वितरित किया गया, लेकिन मानसून की बेरुखी के चलते अकाल पड़ गया।
किसानों को निर्धारित अवधि 31 मार्च तक यह ऋण जमा करना था, लेकिन किसान इस गफलत में रह गए कि हर साल की तरह इस बार भी ऋण चुकाने की तिथि बढ़ जाएगी, लेकिन पहले तो तिथि बढ़ नहीं पाई है। अब सरकार ने राहत देते हुए 30 जून तक तिथि बढ़ा दी गई, लेकिन उसमें 365 दिन का आंकलन किया है। जबकि गत साल कोविड के चलते अधिकतर किसानों ने फसली ऋण अप्रैल माह में लिया था। शेष रहे किसानों ने 15 मई से पहले अपना ऋण प्राप्त कर लिया था। ऐसे में 365 दिन का नियम लागू होता है तो 60 फीसदी से अधिक किसानों को ब्याज मुक्त योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
> 1 लाख 94 हजार ऋणी किसान। > 293 ग्राम सहकारी समितियां है जिले में। > 550 करोड़ खरीफ ऋण की वसूली नहीं। > 825 करोड़ फसली ऋण वितरण का लक्ष्य। > 2.10 लाख किसानों को मिलेगा ऋण। > अब तक 20 करोड़ का ऋण बांटा। > तिथि बढ़ी फिर भी 38 हजार किसान अवधिपार।
825 करोड़ का लक्ष्य, 20 करोड़ बांटा ऋण
इस साल सरकार ने गत वर्ष के मुकाबले फसली ऋण वितरण का लक्ष्य भी बढ़ाया है। जिले में 2 लाख 10 हजार किसानों को 825 करोड़ रुपए ऋण वितरण का लक्ष्य दिया गया है, जो ऋण वितरण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद विभाग ने 20 करोड़ रुपए का ऋण बांट भी दिया है। लेकिन इस बार तिथि नहीं बढ़ने व अवधिपार हुए किसानों के सामने ऋण को लेकर संकट खड़ा हो गया है।
किसानों को चुकाना होगा ब्याज
मंत्री से बात हुई है, प्रयासरत हूं
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