फिजूलखर्ची रोकने व दहेजप्रथा त्यागने के लिए समाज की पहल:10 जोड़े बंधेंगे परिणय सूत्र में, दरजी समाज का सामूहिक विवाह कल

बाड़मेर4 महीने पहले
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सामूहिक विवाह को लेकर तैयारियां जोर-शोर से, कल 10 जोड़े बंधेंगे परिणय सूत्र में। - Dainik Bhaskar
सामूहिक विवाह को लेकर तैयारियां जोर-शोर से, कल 10 जोड़े बंधेंगे परिणय सूत्र में।

शादियों में बढ़ रहे दिखावे और फिजूलखर्ची को रोकने के लिए समाज ने सामूहिक विवाह की अनूठी पहल की है। श्री पीपा क्षत्रिय दरजी समाज बाड़मेर-जैसलमेर का चौथे सामूहिक विवाह महोत्सव गुरुवार को वसंत पंचमी के अवसर पर बाड़मेर मगरा स्थित पीपाजी हॉस्टल में आयोजित होगा। समाज अध्यक्ष औंकार सिंह चावड़ा ने बताया कि शादियों में बढ़ रहे अनावश्यक खर्च एवं दिखावे को बंद करने की दिशा में समाज जागरूक किया जा रहा है। समाज की ओर से लगातार चौथे सामूहिक विवाह का आयोजन किया जा रहा है। यह दहेज प्रथा पूरी तरीके से बंद करने में सबसे प्रभावी कदम है। आयोजन की तैयारी में समाज जोर-शोर के साथ जुटा हुआ है। सामूहिक विवाह में दस जोड़े संतों के सान्निध्य में तथा हजारों लोगों की मौजूदगी में परिणय सूत्र में बंधेंगे।

बाड़मेर मगरा स्थित पीपाजी छात्रावास में सामूहिक विवाह के लिए हो रही तैयारियां।
बाड़मेर मगरा स्थित पीपाजी छात्रावास में सामूहिक विवाह के लिए हो रही तैयारियां।

गांव-ढाणियों तक पहुंचाया आमंत्रण-पत्र

सामूहिक विवाह आयोजन प्रभारी जयराम दईया डांगरी ने बताया कि गुरुवार को सुबह 7 बजे वर यात्राओं का स्वागत होगा। इसके उपरांत समस्त रीति से 11 बजे तक मंत्रोच्चार के बीच पाणिग्रहण संस्कार सम्पन्न होगा। वहीं शाम 5 बजे तक विदाई दी जाएगी। कार्यक्रम को लेकर बाड़मेर और जैसलमेर जिलों के समस्त समाज बंधुओं को आमंत्रित करने के लिए विशेष रूप से समस्त गांव- ढाणियों तक आमंत्रण-पत्र भेजे गए हैं।

पंजीयन के बाद जिम्मेदारी समाज की

पीपा क्षत्रिय पांच पट्टी समाज द्वारा छात्रावास परिसर में साल 2017 में प्रथम सामूहिक विवाह का आयोजन कर नयी पहल शुरू की गई थी। इसमें चार जोड़े ही शामिल हुए थे, फिर भी पहली बार हुआ समूह लग्न सफल रहा और समाज में इसकी तारीफ हुई। इसके बाद सामूहिक विवाह आयोजनों में जोड़े बढ़ते गए। इस बार दस जोड़ों का पंजीयन हुआ है। आयोजन में पंजीयन हेतु प्रत्येक वर एवं वधू पक्ष से अलग-अलग मात्र पंद्रह हजार रुपए ही शुल्क लिया जाता है। इसके बाद विवाह आयोजन की जिम्मेदारी समाज की ओर से उठाई जाती है।

नशामुक्त होता है आयोजन

कार्यक्रम को लेकर समाज में उत्साह का माहौल है। वहीं कार्यक्रम पूरी तरह से नशामुक्त होता है। आजकल लोग विवाह आयोजनों में एक-दूसरे की देखादेखी अनावश्यक लाखों रुपए खर्च कर देते हैं। सामान्य परिवारों के लिए ऐसा करना बाद में भारी पड़ जाता है। इसी को ध्यान में रखकर पीपा क्षत्रिय समाज ने सामूहिक विवाह की पहल की थी, जिसे जोरदार सराहना मिल रही है।

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