नर्मदा नहर से बारीबंदी बंद करने सहित 7 सूत्री मांगों को लेकर किसान बीते 10 दिन से रामजी की गोल पपिंग स्टेशन पर महापड़ाव डाला हुआ था। शनिवार को हाईवे जाम के अल्टीमेटम के बाद देर रात नर्मदा नहर के अधिकारियों व प्रशासन के साथ किसानों की ढाई घंटे तक वार्ता चली। इसमें लिखित समझौता के बाद महापड़ाव स्थगित कर दिया गया। किसानों ने कहना है कि लिखित समझौते धरातल पर नहीं आया तो फिर महापड़ाव डाला जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि हमने बारीबंदी को बंद कर दिया है। अब किसानों को सिंचाई के लिए पूरा पानी मिलेगा।
दरअसल, नर्मदा नहर से सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने से परेशान धोरीमन्ना व गुड़ामालानी के किसानों ने अनिश्चितकालीन महापड़ाव शुरू किया था। किसानों ने 10 दिन से शांतिपूर्वक महापड़ाव चल रहा था। इस दौरान नर्मदा नहर के अधिकारी व स्थानीय प्रशासन के बीच कई दौर की वार्ता भी हुई लेकिन वार्ता विफल रही थी। शनिवार को किसानों ने प्रशासन को हाईवे जाम करने का अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद बड़ी संख्या में जिले भर के पुलिस जाब्ता को तैनात किया था। इसमें तीन डिप्टी सहित तीन थानों का जाब्ता भी लगाया गया। किसानों का कहना है कि बाराबंदी के चलते सिंचाई बाधित हो रही है। टेल तक पानी नहीं पहुंचने की वजह से कई किसान सिंचाई भी नहीं कर पाए। ऐसे में विभाग द्वारा बाराबंदी कर देने के कारण 9 दिन में सिंचाई नहीं हो पाती है। इसका नुकसान फसलों को हो रहा है।
भारतीय किसान संघ प्रसार प्रमुख प्रहलाद सियोल का कहना है कि हमारी प्रमुख मांग थी कि बारीबंदी को बंद करके पूरी कैपसिटी के अनुसार पानी सप्लाई करना था। नर्मदा नहर के चीफ ने बारीबंदी बंद करने का आश्वासन दिया है। महापड़ाव को स्थगित किया है। अगर नर्मदा नहर विभाग अगर हमारी मांगे नहीं मानी तो महापड़ाव फिर से शुरू किया जाएगा।
पूर्व प्रधान ताजाराम के मुताबिक नर्मदा नहर के अधिकारियों के साथ नहर का पानी 2200 क्यूसेक चलने को लेकर सहमति बनी है। अधिकारी नए आए हुए थे और पानी कम मांगने की वजह से पानी बराबर नहीं मिल पा रहा था। अब आश्वासन दिया है कि बारीबंदी नहीं होगी।
नर्मदा नहर के मुख्य अभियंता जोधपुर अमरसिंह गुजरात चीफ से बात हो गई है और जल्द ही हम उनसे मुलाकात कर लेंगे। दो-तीन दिन तक यहां पर रहकर पूरे सिस्टम की मॉनिटेरिंग करके सही कर देंगे। अधिक से अधिक पानी मिलवाने की कोशिश करेंगे। बारीबंदी की जरूरत नहीं पड़े। नहर की कैपिसिटी 2600 क्यूसेक की है और हम 2000 क्यूसेक से ज्यादा की डिमांड कर दी है। अब कोई समस्या नहीं आएगी।
ढाई घंटे तक चली वार्ता
हाईवे जाम का अल्टीमेटम देने के बाद रात को नर्मदा नहर के मुख्य अभियंता जोधपुर अमरसिंह, अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्रीफल मीणा व एसडीएम प्रमोद कुमार महापड़ाव स्थल पर पहुंचे। किसानों के प्रतिनिधि मंडल के साथ वार्ता शुरू की। अधिकारियों की किसानों के करीब ढाई घंटे तक वार्ता चली। किसान अपनी मांगों पर लिखित सहमति देने की मांग पर अड़े रहे। अधिकारियों ने किसानों की 7 लिखित मांगो पर सहमति दी गई।
मांगों पर बनी सहमति
-बाराबंदी को बंद कर भदराई लिफ्ट वितरण को पूर्ण क्षमता से चलाए जाने, -उपलब्ध जल के अनुसार भदरई वितरण को समझौते के अनुसार चलाई जाए, -सभी वितरिकाओं व माइनरो को टेल तक पानी दिए जाने - गुजरात से 2200 पानी की मांग किए जाने। - नर्मदा नहर का लेवल ठीक करवाए जाएगा जिससे पूर्ण पानी मिल जाएगा - किसानों की समस्याओं को देखते हुए समाधान के लिए नर्मदा नहर अधिकारियों के साथ ज्वाइंट कमेटी गठित करने -सहित नर्मदा नहर से संबंधित किसानों के सामने आ रही समस्याओं के समाधान के लिए रामजी का गोल में अधिशासी अभियंता कार्यालय में बैठने व लगातार देखरेख व मॉनिटरिंग करेंगे।
यह थे मौजूद
भाजपा मंडल अध्यक्ष जयकिशन भादू, पूर्व सरपंच रामजी गोल फांटा खुमाराम बैरड़, समाजसेवी दिनेश बिश्नोई, भारतीय किसान संघ प्रसार प्रमुख प्रहलाद सियोल, किसान नेता एवं आरएलपी ब्लॉक अध्यक्ष गुड़ामालानी ताजाराम सियाग, भाजपा नेता सांवलाराम पटेल, डबोईं सरपंच हरीराम जाजड़ा, समाजसेवी खेताराम सियोल, बालकाराम देवासी, सरपंच शिवनारायण सियाग, भींयाराम गोदारा, हरदानराम कलबी, पंचायत समिति सदस्य नारणाराम प्रजापत, भारतीय किसान संघ तहसील अध्यक्ष खेताराम सियाग, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राजेश शर्मा, किसान नेता चुनाराम आंवला, पंचायत समिति सदस्य जयकिशन भादू सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहें।
इनपुट : जूंझाराम चौधरी
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.