डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में बुखार से 8 साल के बच्चे की मौत के बाद शव के अंतिम संस्कार को लेकर सुबह माता और पिता आमने-सामने हो गए। पुलिस ने बच्चे का शव हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में रखवाया है। 12 घंटे बाद रात को भी शव ले जाने और अंतिम संस्कार को लेकर सहमति नहीं बन पाई। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया लेकिन दोनों पक्ष अड़े हुए है। वहीं बच्चे की मां के रो-रो कर बुरा हाल हो रहे है।
दरअसल, मृतक बच्चा अपनी मां के साथ बीते 5 सालों से अपने ननिहाल शिव में रह रहा था। सोमवार को बच्चे की तबीयत बिगड़ गई और ननिहाल शिव से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। मंगलवार को इलाज के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया था। वहीं पुलिस व समाज के मौजीज लोग समाज के दोनों पक्षों से वार्ता कर समझाने का प्रयास किया। लेकिन 12 घंटे बीत जाने के बाद भी सहमति नहीं बन पाई। शव मॉर्च्युरी में रखा हुआ है।
शिव निवासी गीता की शादी बाड़मेर शहर निवासी राणाराम के साथ 9 साल पहले आटे-साटे में हुई थी। तीन साल तक दोनों के बीच सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। इस दौरान एक बेटा गणेश हुआ है। इसके बाद दोनों के बीच अनबन होने पर पत्नी गीता अपने पीहर पिता के साथ रहने लगी। तब से गीता वही पर रह रही थी। बुखार आने से बच्चे गणेश की तबीयत बिगड़ गई और सोमवार को ननिहाल से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया। मंगलवार को तबीयत ज्यादा खराब होने पर जोधपुर रेफर किया जा रहा था। तभी एंबुलेंस बैठने के दौरान बच्चे की धड़कन रुक गई। डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। बच्चे के शव को पिता ले जाने लेंगे तो पिता-मामा के बीच विवाद हो गया। विवाद बढ़ता देख हॉस्पिटल प्रशासन ने शव को मोर्चरी में रखवा दिया। दोपहर बाद पीहर पक्ष के लोग एसपी ऑफिस पहुंचकर मुलाकात की। एसपी से मासूम की मां ने गुहार लगाई कि बच्चे का अंतिम संस्कार शिव पीहर करने दिया जाए।
बच्चे की मां गीता का कहना है कि बच्चे का जन्म मेरे पीहर में हुआ था। ससुराल में एक साल भी नहीं रहा था। बच्चे बड़ा पीहर मे हुआ था। लेकिन अब बच्चे की मौत के बाद ससुराल वाले जबरदस्ती साथ ले जाना चाहता है। बच्चा खेला पीहर में है और पगलिया भी वहीं पर है। यहां ससुराल में कुछ भी नहीं है। ससुराल वालों ने बच्चे व मेरे लिए कुछ भी नहीं किया।
बच्चे के पिता का कहना है कि ससुर का फोन आया था कि बच्चे बच्चे गणेश की तबीयत ज्यादा खराब है। तब मैं कल ही हॉस्पिटल आ गया था। मंलगवार को मौत हो गई थी। ससुराल वाले बच्चे को साथ ले जाना चाहते है और मैं अपने साल ले जाना चाहता हूं। यह भी कहा कि बच्चे का अंतिम संस्कार यहां करने के बाद पत्नी गीता को आप साथ ले जाना। लेकिन मान नहीं रहे है।
कोतवाली पुलिस के अनुसार विवाद होने पर बच्चे का शव डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया दिया है। हम दोनों पक्षों से वार्ता चल रही है। दोनों पक्षों की सहमति के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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