मंहगी बजरी दरों को कम करने की मांग को लेकर आरएलपी का आंदोलन 42 वे दिन भी बालोतरा डाक बंगले के आगे जारी है। आरएलपी नेता का कहना है कि जब तक लीज धारक बजरी की दरे कम नहीं करेंगे तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। ठेकेदार बाड़मेर की जनता को मंहगी बजरी बेचकर लूट रहा है। लोगों को आरएलपी लूटने नहीं देगी। सरदारशहर उपचुनाव के बाद आरएलपी सुप्रीमो बाड़मेर में आएंगे और आंदोलन को तेज करेंगे।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की रोक हटने के बाद बाड़मेर जिले के पचपदरा, समदड़ी इलाके में 1 सितंबर से वैध बजरी खनन शुरू हुआ। लेकिन ठेकेदार द्वारा मनमाने तरीके से 550 रुपए प्रति मीट्रिक टन से रुपए वसूल रहे थे। आरएलपी नेताओं का आरोप है कि बीजेपी व कांग्रेस ने सांठ-गांठ करके सर्व समाज के नाम पर एक दिन का धरना दिया और 100 रुपए कम करवाकर 450 रुपए प्रति मीट्रिक टन करवाए लेकिन बजरी की सही दर 100 रुपए मैट्रिक टन होनी चाहिए। अवैध खनन से शुरू हुआ बजरी माफिया व रॉयल्टी कार्मिकों का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है।
उम्मेदाराम बेनीवाल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहली बार ऐसा देखने को मिल रहा है। सरकार खुद जनता को लूटने में लग रखी हैं लेकिन हम जनता को लूटने नहीं देंगे और इनका हर विभाग रिश्वतखोरी का अड्डा बना रखा है। आम आदमी इनकी रिश्वतखोरी ओर लूट से दुखी है। अब हम इनकी भ्रष्टाचारी और लूट कि दुकान उखाड़ कर फेंकेगे।
आरएलपी पचपदरा ब्लॉक अध्यक्ष थानसिंह का कहना है कि कांग्रेस सरकार व नेताओं को जनता की सेवा करनी चाहिए लेकिन ये जनता का शोषण कर रहे है। यह हम कतई बर्दास्त नहीं करेंगे। बजरी की दर कम करवाकर रहेंगे। नेता शंकरलाल मायला ने बजरी की सरकारी दरें 50 रुपए है, जबकि ठेकेदार अपनी मनमानी कर करीब 500 रुपए वसूल कर लोगों को लूट रहा है। बजरी का पेमेंट पक्के बिल पर जीएसटी सहित बैंक खाते से लिया जाए जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान नहीं होगी।
यह है आरएलपी की मांग
रालोपा 100 रुपए टन बजरी की दरें निर्धारित करने, बजरी का पेमेंट पक्के बिल जीएसटी सहित बैंक खाते में लेने, पचपदरा के साथ-साथ समदड़ी, सिणधरी, गुड़ामालानी में भी बजरी लीज शुरू करने, ट्रैक्टर से बजरी परिवहन करने पर शुल्क नहीं वसूलने, रॉयल्टी नाके पर ठेकेदार के अधिकृत कर्मचारियों के अलावा अनावश्यक कोई आदमी नहीं रहने सहित कई मांगे हैं। जब तक मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा।
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