बाड़मेर से 40 किलोमीटर दूर तारातरा में धर्मपुरी महाराज के मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा व भंडारे में देशभर से संत पहुंच रहे हैं। यहां करीब 2 किलोमीटर इलाके में श्रद्धालुओं, संतों और वाहनों की पार्किंग से लेकर कार्यक्रमों के लिए पंडाल सजाए गए हैं।
इस पांच दिवसीय संत समागम और प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। ये ही वजह है कि यहां रोज 70-75 हजार भक्तों के लिए खाना बनाने के लिए करीब 250 कारीगर और मशीनों का उपयोग किया जा रहा है।
यहां रोटी बनाने के लिए बाहर से मशीन मंगवाई गई है, जो एक घंटे में 10 हजार रोटियां बना सकती है। फिलहाल अभी रोज 3 लाख रोटियां बनाई जा रही हैं। दरअसल, पनोणियों का तला स्थित धर्मपुरी महाराज के मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा, महंत जगरामपुरी महाराज के जीवित भंडारे व विराट संत सम्मेलन का आगाज सोमवार को हो गया था। यहां सुबह से देर रात 10 बजे तक धार्मिक अनुष्ठान चल रहे हैं।
स्वामी प्रतापुरी महाराज, जगदीशपुरी महाराज, शिवपुरी महाराज, नारायण्मपुरी, शंकरपुरी, रूगपुरी महाराज, मोटनाथ महाराज, सेजपुरी महाराज, जेठपुरी सहित कई संतों के सानिध्य में कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है। 2 फरवरी को योग ऋषि स्वामी रामदेव महाराज, जूना पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी महाराज भी कार्यक्रम में आएंगे, जो कुल 5 दिन चलेगा।
2500 लोगों की अलग-अलग टीमें जुटीं
महोत्सव प्रभारी विक्रमसिंह तारातरा ने बताया- पांच दिवसीय मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव व भंडारे के लिए धर्मपुरी मंदिर पर 2500 लोगों की अलग-अलग टीमें सेवा में लगी हुई है। इसके लिए कंट्रोल रूम से लेकर भोजन व्यवस्था, टेंट, कच्ची भोजन सामग्री स्टोर प्रभारी, जल व्यवस्था, संत आवास व्यवस्था, चाय-कॉफी, बिजली व्यवस्था, साउंड, वाहन पार्किंग, गाड़ी पास प्रभारी, वाहन, स्वागत, लाइट-डेकोरेशन सहित अन्य व्यवस्थाओं में जुटे हैं।
10 हजार भक्तों के प्रसादी के लिए 7 अलग-अलग पंडाल
पनोणियों का तला चल रहे मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा व भंडरा महोत्सव में आने वाले भक्तों के भोजन के लिए 7 पंडाल लगाए गए हैं। इनमें एक बड़ा डोम भी है। इसके अलावा नागा बाबा और साधु-संतों और महिला-पुरुषों के लिए अलग-अलग पंडाल लगाए हुए हैं। खास बात ये है कि इन सभी पंडालों में एक साथ करीब 10 हजार लोग भोजन कर सकते हैं। इसके लिए 250 कारीगर खाना बना रहे हैं।
मशीन पर पांच लोगों की जरूरत, हर घंटे में बनती हैं 10 हजार रोटियां
इस भंडारे में रोटियां बनाने के लिए बाहर से मशीन मंगवाई गई है। इस मशीन से हर घंटे में 10 हजार रोटियां तैयार हो रही हैं। 70-75 हजार लोगों के लिए रोज करीब 3 लाख रोटियां बन रही हैं। इस ऑटोमेटिक मशीन से आटा गूंथने से लेकर रोटी बनने और सेकने तक की प्रक्रिया है। इसके लिए 5 लोगों की ही जरूरत पड़ती है। रोटी, सब्जी और मिष्ठान बनाने को अलग से कारीगर हैं।
2500 लोग सेवा में लगे हैं
पांच दिवसीय मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव व भंडारे के लिए धर्मपुरी मंदिर पर 2500 लोगों की अलग-अलग टीमें सेवा में लगी हुई है। इसके लिए कंट्रोल रूम से लेकर भोजन व्यवस्था, टेंट, कच्ची भोजन सामग्री स्टोर प्रभारी, जल व्यवस्था, संत आवास व्यवस्था, चाय-कॉफी, बिजली व्यवस्था, साउंड, वाहन पार्किंग, गाड़ी पास प्रभारी, वाहन, स्वागत, लाइट-डेकोरेशन सहित अन्य व्यवस्थाओं में जुटे हैं।
सामाजिक समरसता का अनूठा उदाहरण
महोत्सव प्रभारी विक्रमसिंह तारातरा का कहना है कि धर्मपुरी महाराज के मंदिर की खास बात यह है कि यहां पर सभी जाति व समाज की महिलाएं और पुरूष एक साथ एक ही जाजम बैठकर प्रसादी लेते है। पांच दिनों में राजस्थान सहित देश्भर से पांच लाख भक्त आने का अंदेशा है। दो दिनों में करीब डेढ़ लाख लोग पहुंच चुके है। यहां पर कुल 7 पंडाल है इसमें तीन पुरुष व दो महिलाओं और सांधु-संतों के लिए अलग-अलग पंडाल लगाए गए है।
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जेसीबी मशीन, थ्रेसर, ट्रैक्टर-ट्रॉली, फावड़े और 100 से ज्यादा लोग...एक बार सुनने में लग रहा होगा कि बात किसी कंस्ट्रक्शन साइट की हो रही है, लेकिन यह सब एक धार्मिक आयोजन का हिस्सा है।
अब आप पूछेंगे, इन सबका धार्मिक आयोजन में क्या काम? तो इसका जवाब सुनकर आप चौंक जाएंगे। इन सब मशीनों से यहां चूरमा बनाया जा रहा है। वह भी 50, 100 या 200 क्विंटल नहीं, पूरे 350 क्विंटल। इतना कि यहां चूरमे के टीले ही टीले बन गए। पढ़ें पूरी खबर...
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