राजस्थान के बहुचर्चित कमलेश एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच जारी है। कमलेश प्रजापत प्रकरण में प्रजापत समाज में दो फाड़ हो गये हैं। प्रजापत समाज के बाड़मेर के अध्यक्ष रावताराम, मारू प्रजापत श्रीयादे चेरिटेबल ट्रस्ट अध्यक्ष खेराजराम ने बताया कि कमलेश एनकाउंटर के बाद प्रजापत समाज की बैठक हुई, जिसमें सभी ने सीबीआई जांच करवाने की मांग की थी।
समाज के सभी नेताओं ने इस मांग का समर्थन किया था। सीबीआई जांच की मंजूरी के बाद सघर्ष समिति को भंग कर दिया गया था। एक पक्ष ने इससे पूर्व रविवार को परिजनों और समाज के लोगों की ओर से सीबीआई को भेजे ज्ञापन और मांग-पत्र में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी और उसके भाई मनीष चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए थे।
दूसरे पक्ष प्रजापत समाज के अध्यक्ष रावताराम और खेराजराम ने मंगलवार देर रात अपील जारी कर बताया कि कमलेश प्रजापत एनकाउंटर मामले में रविवार को परिजनों सहित प्रजापत समाज के लोगों की ओर से सीबीआई को भेजे ज्ञापन में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी व उनके भाई मनीष पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। सीबीआई टीम जांच के लिए बाड़मेर आई, तब परिवार के साथ कुछ लोगों ने इकट्ठा होकर तथ्यहीन ज्ञापन दिया।
राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, उनके भाई मनीष का नाम लेकर ज्ञापन दिया गया। प्रजापत समाज के सभी मौजिज लोग इस षड़यंत्र का विरोध करते हैं। इन्होंने कहा है कि जब तक सीबीआई जांच पूरी नहीं होती है तब तक किसी व्यक्ति विशेष पर सबूतों के अभाव में तथ्यहीन और झूठे दोषारोपण नहीं किए जाएं। कमलेश प्रजापत एनकाउंटर के बाद प्रजापत समाज द्वारा जिस समिति का गठन किया गया था, उसका उद्देश्य था कि एनकाउंटर की जांच सीबीआई से करवाई जाए।
सीबीआई जांच के आदेश होने से पहले संघर्ष समिति की ओर से कई बार बैठक हुई, जिसमें समाज के मौजिज लोग एवं समिति सदस्य शामिल होते थे। इनके सामने राजस्व मंत्री हरीश चौधरी या उनके भाई पर लगे आरोप, सांडेराव प्रकरण में मंत्री के भाई की ओर से 10 लाख रुपए लेन देन की बात संघर्ष समिति भंग होने तक सामने नहीं रखी। ज्ञापन में आरोप षड्यंत्रपूर्वक और राजनैतिक द्वेष भावना से व्यक्ति विशेष की छवि खराब करने के लिए लगाए। बिना सबूतों के आरोप लगाकर जांच को गलत दिशा में भ्रमित कर जांच को प्रभावित करने का आरोप लगाया है। इसमें प्रजापत समाज का कोई लेना देना नहीं है।
वहीं कमलेश का भाई भैराराम ने बताया कि समाज के कुछ लोग किसी के दबाव मेंं आकर अपील जारी कर रहे हैं। रावताराम समाज के जिलाध्यक्ष है इनका काम होता है समाज को लेकर चलें, लेकिन तीन महीने हुए हैं कभी हमें फोन नहीं किया। यह लोग अपने राजनीति दबाव में आकर कह रहे हैं। राजनेताओं ने इनके व्यक्तिगत काम निकाले होंगे इस वजह से ऐसा कह रहे हैं।
यह था मामला - 22 अप्रैल को बाड़मेर पुलिस ने कमलेश प्रजापत का एनकाउंटर किया था। राज्य सरकार की अनुशंसा के बाद सीबीआई ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। सर्किट हाउस में ठहरी सीबीआई टीम को ज्ञापन देने के लिए मृतक कमलेश का भाई व अन्य लोग पहुंचे थे।
इस ज्ञापन में पहली बार सीधे तौर पर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी व उनके भाई मनीष पर गंभीर आरोप लगाए गए। सांडेराव प्रकरण में नाम कटवाने के लिए मनीष की ओर से 10 लाख रुपए लिए जाने के आरोप लगाए गए। वहीं रिफाइनरी में काम मिलने से प्रतिस्पर्धा रखने सहित कई आरोप थे।
इसके दो दिन अब प्रजापत समाज की ओर से उन आरोपों को राजनैतिक द्वेष भावना से प्रेरित होने का आरोप लगाते हुए अपील की है कि जब तक सीबीआई जांच में किसी को दोषी नहीं ठहराया जाए तब किसी व्यक्ति विशेष पर आरोप नहीं लगाए जाए। सीबीआई अपना काम कर रही है उसे भ्रमित करना ठीक नहीं है।
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