राजस्थान में बाड़मेर के भीमड़ा गांव में गुरुवार रात 9 बजकर 10 मिनट पर वायु सेना का एक फाइटर जेट MiG-21 बायसन (ट्रेनर एयरक्राफ्ट) क्रैश हो गया। इसमें आग लग गई और मलबा करीब आधा किलोमीटर के दायरे में बिखरा गया। हादसे में विमान में सवार दोनों पायलट शहीद हो गए हैं।
घटना के कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिसमें हादसे के बाद घटनास्थल पर विमान के मलबे में आग लगी हुई है। बॉडी पार्ट्स बिखरे पड़े हैं। पास ही एक मोबाइल भी टूटकर गिरा हुआ है। विमान जहां गिरा वहां 15 फीट के दायरे में बड़ा गड्ढा हो गया है। बाड़मेर में सैन्य विमान हादसे का 9 साल में यह आठवां मामला है।
वायु सेना ने दिया कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश
वायु सेना ने दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है। साथ ही, जान गंवाने वालों के परिवार के प्रति शोक संवेदना जताई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी से हादसे को लेकर बातचीत की।
बाड़मेर जिले में 9 साल में यह आठवां MiG क्रैश
पिछले साल दिसंबर में विंग कमांडर की हुई थी मौत
पिछले साल 24 दिसंबर को भी भारतीय वायुसेना का एक मिग-21 लड़ाकू विमान जैसलमेर के पास क्रैश हो गया था। हादसे में पायलट विंग कमांडर हर्षित सिन्हा की मौत हो गई थी। जिस जगह जेट गिरा था, वह जगह सुदासरी डेजर्ट नेशनल पार्क में है और पाकिस्तान बॉर्डर के पास है। यह एरिया आर्मी के कंट्रोल में है।
विंग कमांडर हर्षित सिन्हा ने रेगुलर उड़ान के लिए जैसलमेर एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरी थी। ग्रामीणों के अनुसार विमान में हवा में ही आग लग गई थी, उसके बाद वह धमाके के साथ जमीन पर आ गिरा।
रूस और चीन के बाद भारत मिग-21 का सबसे बड़ा ऑपरेटर
रूस और चीन के बाद भारत मिग-21 का तीसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर है। 1964 में इस विमान को पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट के तौर पर एयरफोर्स में शामिल किया गया था। शुरुआती जेट रूस में बने थे और फिर भारत ने इस विमान को असेंबल करने के राइट्स और टेक्नीक भी हासिल कर ली थी।
तब से अब तक मिग-21 ने 1971 के भारत-पाक युद्ध, 1999 के कारगिल युद्ध समेत कई मौकों पर अहम भूमिका निभाई है। रूस ने तो 1985 में इस विमान का निर्माण बंद कर दिया, लेकिन भारत इसके अपग्रेडेड वैरिएंट का इस्तेमाल करता रहा।
रफ्तार 2229 किमी प्रति घंटा, लागत 177 करोड़
मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान की स्पीड 2229 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसकी रेंज 644 किलोमीटर के आसपास थी। हालांकि भारत का बाइसन अपग्रेडेड वर्जन लगभग 1000 किमी तक उड़ान भर सकता है। इसकी लंबाई 15.76 मीटर है। इसकी लागत 177 करोड़ के करीब है। बिना हथियारों के इसका वजन 5200 किलो है, जबकि हथियारों से लैस होने पर वजन करीब 8000 किलो है।
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