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ग्रामीण इलाकों को ग्राम पंचायत की समस्त स्कूलों की मॉनिटरिंग पदेन ग्राम पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी पीईईओ के द्वारा की जा रही हैं। उसी तर्ज पर शहरी क्षेत्रों के सभी राजकीय प्राथमिक विद्यालय और उच्च प्राथमिक व उप्रावि स्कूलों की मॉनिटरिंग के लिए शहरी संकुल प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (यूसीईईओ) बनाए हैं। जिनका कामकाज भी वेतन आहरण के अलावा संस्थापना संबंधी समस्त कार्यों को देखना हैं।
निदेशालय प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर ने 1 अप्रैल 2021 को आदेश जारी कर मार्च- 21 देय अप्रैल-2021 का वेतन यूसीईओ द्वारा आहरित करने के जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा को निर्देश दिए हैं।
पूर्व में केंद्र सरकार ने सर्वशिक्षा अभियान व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा (रामसा) को मर्ज कर समग्र शिक्षा अभियान कर दिया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि उसी तरह सरकार द्वारा शुरू की गई इस कवायद को प्रारंभिक शिक्षा को माध्यमिक शिक्षा में विलय करने के रूप में देखा जा रहा है। शिक्षा विभाग के आदेशानुसार शहरी संकुल प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी द्वारा वेतन आरहरण के अलावा संस्थापना संबंधी सेवाभिलेख संधारण, वार्षिक कार्य मूल्यांकन, अवकाश संबंधी स्वीकृति आदि कार्य संपादित किए जाएंगे।
इस व्यवस्था से प्रारंभिक शिक्षा के शिक्षकों को सीबीईओ के चक्कर नहीं लगाने पडेंगे। बल्कि स्कूल संदर्भ केंद्र (सीआरसी केंद्र) पर ही काम हो जाएंगे। नई व्यवस्था के तहत शहरी क्षेत्र के किसी परिक्षेत्र के कक्षा पहली से दसवीं/ बारहवीं (उच्च माध्यमिक विद्यालय/ माध्यमिक विद्यालय) तक के किसी एक स्कूल को सीआरसी केंद्र घोषित किया जाएगा। इस स्कूल के प्रधानाचार्य को शहरी प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (यूसीईईओ) बनाया जाएगा।
मसलन पीईईओ की तरह ही यूसीईईओ कार्य करेंगे। गौरतलब है कि वर्तमान में प्रारंभिक शिक्षा निदेशक का पद रिक्त होने से माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पास चार्ज हैं। साथ ही इनके अधीन संयुक्त निदेशक व सीडीईओ जो माध्यमिक शिक्षा के अधीनस्थ है। इसके अलावा सीडीईओ माध्यमिक शिक्षा के अधीन माध्यमिक व प्रारंभिक शिक्षा का डीईओ होता है। ऐसे में सीबीईओ के पास महज मॉनिटरिंग का कार्य रह जाएगा।
जबकि अन्य सभी कार्य पीईईओ के समान यूसीईईओ के द्वारा संपादित किए जाएंगे। भले ही कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रारंभिक शिक्षा को माध्यमिक शिक्षा में मर्ज कर दिया जाएगा लेकिन सरकार के समक्ष यह चुनौती रहेगी कि सबसे पहले पंचायतीराज विभाग के अधीन प्रारंभिक शिक्षा को मर्ज करने के लिए एक्ट/नियम-प्रावधानों में संशोधन करना होगा। साथ ही दोनों निदेशालयों को भी विलय करना पड़ेगा। ऐसे तो प्रारंभिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा के शिक्षकों के लिए अलग-अलग आदेश जारी होते हैं।
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