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शुक्र ग्रह के अस्त हाेने के साथ ही 17 अप्रैल तक के लिए मांगलिक कार्याे पर राेक रहेगी। इस ग्रह को विवाह और अन्य मांगलिक कामों के लिए कारक कहा गया है। हालांकि 19 जनवरी से अस्त चल रहा गुरु उदित हो गया है, लेकिन गुरु और शुक्र दोनों के उदय रहने पर ही शादी, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कामों के लिए मुहूर्त होता है। इस कारण अब 17 अप्रैल तक मांगलिक काम नहीं हो सकते हैं।
सुख व समृद्धि देता है शुक्र
ज्योतिष में शुक्र को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शौहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम-वासना और फैशन-डिजाइनिंग आदि का कारक माना जाता है। इसलिए शुक्र के प्रभाव से ही इंसान को भौतिक, शारीरिक और वैवाहिक सुख मिलते हैं।
दो माह बाद 17 अप्रैल को उदित होगा शुक्र
ज्याेतिष शास्त्र के अनुसार काेई ग्रह जब सूरज के पास आता है तो वो अस्त हो जाता है। जब शुक्र ग्रह सूर्य के इतने पास पहुंच जाता है, कि दोनों के बीच 11 डिग्री का अंतर हो तो शुक्र ग्रह अस्त माना जाता है। अस्त हो जाने पर इस ग्रह के शुभ फल में कमी आ जाती है। अब लगभग 2 महीने बाद यानी 17 अप्रैल को ये शुक्र उदित हो जाएगा। इसके बाद पहला शुद्ध विवाह मुहूर्त 22 अप्रैल को रहेगा। इसके बाद शादी, गृहप्रवेश और अन्य संस्कारों को पूरा करने के लिए मुहूर्त शुरू हो जाएंगे।
शुक्र उदय के बाद 3 माह शुभ मुहूर्त
शुक्र के उदय होने के बाद साल का दूसरा पूर्ण शुद्ध विवाह मुहूर्त 22 अप्रैल को रहेगा। हालांकि, कहीं-कहीं 25 अप्रैल से शादियां शुरू होंगी। इसके बाद 3 महीने तक यानी मई, जून और जुलाई में हर काम के लिए शुभ मुहूर्त रहेंगे। फिर 20 जुलाई से चातुर्मास शुरू होने के बाद देवशयन होने से शुभ काम नही किए जाएंगे। इसके बाद नवंबर में देव प्रबोधिनी एकादशी के बाद फिर से मुहूर्त शुरू होंगे। इसके बाद दिसंबर में मलमास शुरू हो जाएगा।
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