कोरोना संक्रमण के चलते सभी शिक्षण संस्थान बंद है। बच्चों ने घरों में रहते मोबाइल, रेडियो व टीवी के जरिए ही पढ़ाई कार्य पूरा किया है। इस कारण स्कूली बच्चों को पोषाहार नहीं मिला। लेकिन कोरोना काल में स्टेडी फ्रॉम होम कर रहे स्कूली बच्चों के लिए अब खुशखबरी आई है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने मिड डे मील योजना में प्रथम त्रैमासिक अवधि अप्रैल से जून माह तक के (35 दिन) खाद्यान्न गेंहू/चावल के वितरण के निर्देश जारी किए हैं।
योजना में जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से 8 तक अध्ययनरत 1.97 लाख बच्चों को पोषाहार का गेहूं व चावल दिया जाएगा। राज्य सरकार ने बच्चों को स्कूल बुलाने पर पाबंदी लगा रखी है, ऐसे में पोषाहार में बच्चों का गेहूं व चावल बच्चों के अभिभावक या माता-पिता को स्कूल बुलाकर सरकार की गाइड लाइन के अनुसार दिया जाएगा। कोविड-19 अन्तर्गत अप्रैल, मई व जून माह के 35 दिनों की अवधि का मिड-डे-मील राजकीय स्कूलों, मदरसों व विशेष प्रशिक्षण केंद्रों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के माता-पिता या अभिभावकों को दिया जाएगा।
अब अभिभावकों को बुलाकर देंगे 35 दिनों का गेहूं और चावल
100 ग्राम और 150 ग्राम खाद्यान्न मिलेगा
निर्देशों में कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को 100 ग्राम प्रति दिवस के हिसाब से 3 किलो 500 ग्राम खाद्यान्न का वितरण किया जाएगा और कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों के अभिभावकों को 150 ग्राम प्रति दिवस के हिसाब से 5 किलो 250 ग्राम खाद्यान्न का वितरण किया जाएगा।
आयुक्त ने ये दिए आदेश
आयुक्त मिड-डे-मील डा. भंवर लाल ने अपने आदेशों में कहा है कि गेहूं व चावल के सुव्यवस्थित वितरण के लिए पंचायत स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। ग्रामीण स्तर पर संचालित स्कूलों में पीईईओ व शहरी क्षेत्र के स्कूलों में यूसीईओ अपने परिक्षेत्र के स्कूलों के पात्र विद्यार्थियों को यह खाद्यान्न देना सुनिश्चित करेंगे।
10 ब्लाॅकों के बच्चें होंगे लाभांवित
अभिभावकों को करेंगे वितरित : साहब सिंह
स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अप्रैल से जून माह के 35 दिवस के गेहूं व चावल वितरित करने के आदेश मिले हैं। सभी सीबीईओ को आदेशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। जिलेभर में बच्चों के अभिभावकों को सोशल डिस्टेंस के साथ खाद्यान्न का वितरण किया जाएगा।
साहब सिंह, डीईओ
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