धौलपुर जिला मुख्यालय पर यातायात के नाम पर वाटर बॉक्स चौराहे पर लगी लाइट अब मात्र शोपीस बनकर रह गई हैं। यह लाइट पिछले 4 महीने से बंद पड़ी है। कुछ असामाजिक तत्वों ने यातायात लाइट के कंट्रोल बॉक्स में आग लगा दी है। इससे पूरा बॉक्स जलकर खाक हो गया और लाइट बंद हो गई। 4 महीने का समय बीत जाने के बाद भी संबंधित विभाग ने सही कराने की जहमत नहीं उठाई।
धौलपुर संघर्ष समिति के सचिव रंजीत दिवाकर ने वाटर वर्क्स चौराहे को दुर्घटना जोन मानते हुए लाइट लगवाई थी। एनएचआई ने रोड लाइटों के रख-रखाव को लेकर नगर परिषद में एकमुश्त राशि 7 लाख रुपए जमा करवा दी थी। अब रोड न सिर्फ खराब बल्कि चोरी भी होने लगी है। वाटर वर्क्स चौराहे से मचकुंड जाने वाली सड़क पर लगी रोड लाइट में से दो लाइट खोलकर निकाल ली गई है। जिला स्तर पर होने वाली यातायात प्रबंधन समिति की बैठक में भी रोड लाइटों को सही कराने को लेकर कई बार चर्चा की गई।
बावजूद उसके नगर परिषद द्वारा आज तक इन लाइटों को सही नहीं कराया गया है। जिसके चलते आए दिन दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है। आगरा से मुरैना की ओर जाते समय ओवरब्रिज पर ढलान होने के कारण वाहनों की स्पीड तेज होती है और वाटर वर्क्स चौराहे का कट भी ओवरब्रिज से नजर नहीं आता। रोड लाइट नहीं होने से दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। एमपी से मुरैना आते समय जब आगरा की ओर जाते है तो सागर पाड़ा ओवरब्रिज के बाद वाहनों की स्पीड बढ़ जाती है। घुमावदार मोड़ होने के कारण चौराहा नजर नहीं आता। लाइट को सही नहीं कराया गया तो आमजन में चौराहा क्रॉस करते समय हर पल दुर्घटना की आशंका बनी रहेगी।
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