आरएएस में चयनित सफल अभ्यथिर्याें की सूची में अगर धाैलपुर काे देखा जाए ताे इस बार युवाओं ने आरएएस में चयन हाेकर शहर के युवाओं के लिए कॅरियर के रास्ते में सफलता के रास्ते बनकर सामने आए हैं। इस बार आरएएस चयन में चाराें ओर से प्रतिभान विभूतियाें का दीदार हुआ है।
इसमें से ऐसी प्रतिभाएं हैं जाे किसान परिवार से हैं जिन्हाेंने अपने कॅरियर के उतार चढ़ाव में और भी काम किए और आज वे सफलता की उस मंजिल पर हैं, जिन्हें उनके परिवार और समाज और जिले में नाम राेशन हुआ है। धाैलपुर से आरएएस की सफलता की सीढी तक पहुंचने वाले इन युवाओं की सफलता काे भास्कर ने इनसे बातचीत कर इस मुकाम तक पहुंंचने में आई कठिनाईयां, संघर्ष, मेहनत काे शेयर करते हुए अन्य युवाओं काे माेटिवेशन कैसे मिले।
इस पर बात की ताे उनका कहना था कि समय का प्रबंधन और लक्ष्य पर ध्यान से ही व्यक्ति हर मुकाम काे छूं सकता है। उन्हाेंने भास्कर के रसरंग में एक काॅलम काे अपने से प्रेरित करते हुए कहा कि शीषर्क जिनके पास मिशन उन्हें कभी बोरियत नहीं हाेती, काे आज के समय में सफलता की कुंजी बताया।
संजय सिंह रैंक : 224
किसान परिवार में पिता फूंसपुरा गांव निवासी के पुत्र संजय सिंह गुर्जर जाे कि वर्तमान में भरतपुर जनसपंर्क विभाग में पीआरओ के पद पर आसीन हैं, जाे कि उनकी ज्वाइनिंग फरवरी 2021 की है। उनकी एजुकेशन बीटेक, आईआईएमसी से डिप्लाेमा अंग्रेजी पत्रकारिता में है। संजय कहते हैं कि शुरु से ही हमें पत्रकारिता में जाना था, लेकिन पीआरओ में बनकर पत्रकारिता का शाैक पूरा किया।
इसके लिए दिल्ली में अंग्रेजी मैगजीन सिविल साेसायटी में काम करते करते पीआरओ की परीक्षा पास की और भरतपुर में पीआरओ के लिए चयन हुअा। संजय ने भास्कर से बातचीत में बताया कि शुरु से खेलने कूदने में ज्यादा ध्यान था। साथ ही पढने लिखने का शाैक था। संजय ने बताया कि चाचा सुलतान सिंह टीचर थे और उन्हीं ने हमें शिक्षा का माहाैल दिया।
मुकेश कुमार गुर्जर
पुलिस, थर्ड ग्रेड और प्रधानाध्यापक बनने के बाद अब पूरा हुआ आरएएस का सपना
आरएएस में चयन कर मुकेश कुमार गुर्जर ने अपने गांव मानपुर व धौलपुर का नाम रोशन किया। मुकेश का जीवनकाल संघर्षपूर्ण रहा है उन्होंने कठिन परिश्रम कर सन 2007 में राजस्थान पुलिस में चयन हुआ इसके बाद सन् 2012 में तृतीय श्रेणी अध्यापक परीक्षा में जिला टॉप किया फिर सन 2019 में माध्यमिक शिक्षा में प्रधानाध्यापक बनकर संभाग भरतपुर टॉप किया।
मुकेश ने बताया कि कठिन से कठिन समय में भी अपनी एक-एक पल का सदुपयोग करते हुए केवल आरएएस परीक्षा पर ध्यान केंद्रित रखा। मुकेश कुमार गुर्जर का परिवार सैनिक पृष्ठभूमि से रहा है जिसमें इनके पिता रामलाल गुर्जर सैनिक थे, जिन्होंने अपने जीवन में ईमानदारी से देश सेवा की तथा अपनी संतानों को ईमानदारी व देश प्रेम के रास्ते पर चलने का संदेश दिया।
नीरज सिंह रैंक : 894
भाई के माेटिवेशन और काम के प्रेशर से भी समय प्रबंधन के बूते पाई सफलता
रसद विभाग राजाखेडा में प्रवर्तन निरीक्षक के पद पर आसीन नीरज सिंह फाैजदार ने करीब 15 साल नेवी में नाैकरी की। नेवी से सेवानिवृत हाेकर नीरज ने पढाई जारी रखी और रसद विभाग में प्रवर्तन निरीक्षक की नाैकरी जुलाई 2019 में ज्वाइन की। किसान परिवार से बदले राम के पुत्र निवासी गांव मवई, तहसील डीग ने बताया कि पशु चिकित्सा विभाग में पशुधन सहायक बडे भाई रणवीर सिंह की प्रेरणा से ही आज में इस मुकाम पर हूं।
उनका मार्गदर्शन कि पढाई कैसे करनी है, पढाई के लिए समय कैसे निकालना है। साथ ही नाैकरी के साथ साथ आरएएस की पढाई का तालमेल करके आज लक्ष्य काे छूंआ। नीरज सिंह कहते हैं कि कई बार काम का प्रेशर नाैकरी में इतना रहता है कि तैयारी के लिए समय नहीं दे पाता था, लेकिन समय का प्रबंधन किया।
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