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2007- 08 एवं 2009 में नियुक्त तृतीय श्रेणी शिक्षक एवं प्रबोधकों की वेतन विसंगति को लेकर मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर वेतन विसंगति निवारण की मांग की। विसंगति से प्रभावित अध्यापक अरुण सिंह फौजदार ने बताया कि 28.06.2013 को राज्य सरकार के वित्त विभाग के नोटिफिकेशन के द्वारा तृतीय श्रेणी अध्यापक व प्रबोधकों को पे-बैंड-2 ( 9300-34800 ) व पे ग्रेड 3600 करने पर प्रारम्भिक मूल वेतन 9300 +3600=12900 किया गया था l इस वेतन संरचना का लाभ 2010 के बाद नियुक्त सभी शिक्षकों को मिल रहा है।
फौजदार ने बताया कि विभाग के लेखा कर्मियों की गणनात्मक भूलवश 2007 - 08 एवं 2009 में प्रबोधकों के पे बैंड 5200-20200 में बदलाव नहीं किया गया केवल पे ग्रेड 2800 को ही 3600 में बदला गया इससे जो मूल वेतन जो 12900 होना चाहिये था वह मूल वेतन 11170 ही रहा। प्रभावित सभी शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से माँग की है कि उक्त वेतन विसंगति को लेकर पूर्व में भी वेतन विसंगति निराकरण समिति के लिये बनाई गई सामंत कमेटी को भी रिकॉर्ड के साथ उक्त विसंगति का प्रकरण दर्ज कराया गया है लेकिन अभी कोई निराकरण नहीं किया गया है।
डोंगर सिंह डागुर ने बताया कि इसी वेतन विसंगति को लेकर माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई जिसके फैसले में माननीय न्यायालय ने भी इस वेतन विसंगति को एक लिपिकीय गलती मानते हुए राज्य सरकार को दूर करने के लिये कहा है इस विसंगति से प्रभावित सभी शिक्षकों प्रबोधकों को प्रति माह 4000 से 6000 रुपये का आर्थिक नुकसान हो रहा है। इस अवसर पर रघुराज सिंह, पवन सोलंकी, सुबोध गर्ग, संजय गुप्ता, रामवीर परमार, बलदेव मीना, शेर सिंह, मीनाक्षी, देवेन्द्र, राजकुमार आदि उपस्थित रहे।
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