चार दोस्तों ने ठंड में ठिठुर रहे बेसहारा लोगों को कंबल बांटे। मकर संक्रांति से पहले गुरुवार रात चारों शहर की सड़कों पर घूमे। सर्दी में कांपते हुए गरीबों को कंबल ओढ़ाया।
एडवोकेट रंजीत दिवाकर ने बताया कि घर के बड़े बुजुर्ग मकर संक्रांति पर दान देने की बात कर रहे थे। ऐसे में सड़क पर जीवन जीने वाले बेसहारा लोगों का खयाल आया। अपने 3 दोस्तों राजेश शर्मा, संजय अग्रोहा और बाल कल्याण समिति के सदस्य बृजेश मुखरैया से बात की। चारों ने मिलकर कंबल बांटने पर सहमति जताई। लोहड़ी की रात सभी दोस्त सड़क पर घूमे।
रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, मचकुंड, पुराना शहर और अब्दाल शाह वाले बाबा की मजार पर कई लोग ठंड में ठिठुरते हुए नजर आए। अलग-अलग जगहों पर जाकर ठंड में सो रहे 35 गरीबों को कंबल ओढ़ाकर आए। चारों दोस्तों ने बताया कि अपने पूर्वजों की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए दान के रूप में कंबल देने की परंपरा शुरू की है।
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