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भरतपुर में अब दो मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे। सरकारी के अलावा दूसरा मेडिकल कॉलेज जयपुर रोड स्थित डहरा मोड पर खुलेगा। इसके लिए करीब 78 बीघा जमीन लेकर निर्माण कार्य शुरू भी हो गया है। अगले शैक्षिक सत्र से ही इसमें क्लासेज शुरू होने की संभावना है। डहरा मोड पर कॉलेज के साथ 750 बेड का अस्पताल भी होगा। लेकिन, पहले चरण में यहां 375 बेड की बिल्डिंग ही बनाई जा रही है।
चैरिटेबल ट्रस्ट (धर्मार्थ संस्था ) की ओर से बनाए जा रहे इस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बिल्डिंग में ओपीडी शुरू करने के साथ ही फिजिशियन, सर्जरी और गायनी रोग विशेषज्ञों की सेवाएं शुरू हो गई हैं। धर्मार्थ क्षेत्र के इस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बनने से सस्ते इलाज के साथ ही भरतपुर में मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
नए मेडिकल कॉलेज के लिए प्रोग्रेसिव यूनिवर्सल सोसायटी ने 78 बीघा जमीन ले ली है। प्रारंभिक तौर पर यहां एक छोटी बिल्डिंग में 12 बेड के साथ सुबह 9 से शाम 5 बजे तक ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं शुरू की हैं। सोसायटी की सचिव साध्वी आनंद हितेषणा ने बताया कि हमारा मकसद भरतपुर और आसपास के लोगों को जल्द से जल्द मेडिकल सेवाएं मुहैया कराना है। यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से सेवा कार्य है। इसलिए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल लागत और खर्चों के मुताबिक ही नो प्रोफिट-नाे लॉस आधार चलाए जाएंंगे।
हमारी कोशिश है कि यहां के लोगों को विश्वस्तरीय हॉस्पिटैलिटी मिले। इसलिए हमने लेटेस्ट टेक्निक वाले जांच उपकरण मंगवाए हैं। यहां एडवांस्ड तकनीक वाले उपकरणों के साथ लैब भी शुरू कर दी गई है। यहां योगिक चिकित्सालय भी खोला जाएगा। इसमें इको विलेज विकसित होंगे। जिनमें योग, आयुर्वेद, एक्यूप्रेशर, ओरमा, फिजियोथेरेपी, पंचकर्म, स्टोन थेरेपी, अभ्यंगना, फास्टिंग, सन थेरेपी, मड थेरेपी जैसी सेवाएं दी जाएंगी। हर्बल गार्डन के साथ ही 1000 की क्षमता का आडिटोरियम भी बनाया जाएगा।
ब्रज क्षेत्र में हर साल तैयार होंगे 750 नए डॉक्टर
अगर ब्रज क्षेत्र (भरतपुर-मथुरा-आगरा) की बात करें तो यहां हर साल 750 से ज्यादा नए डॉक्टर तैयार होंगे। क्योंकि मेडिकल छात्रों के लिए भरतपुर में अब 300 सीटें उपलब्ध होंगी। यहां के राजकीय मेडिकल क़ॉलेज में 150 सीटें हैं। जबकि सोसायटी ने भी फिलहाल 150 सीट के लिए आवेदन किया है। वहीं मथुरा और आगरा के प्राइवेट-सरकारी मे़डिकल कॉेलेजों में 450 सीट उपलब्ध हैं।
45 प्लस आयु वाले 55% लोग बीमारियों के प्रति लापरवाह
डहरा मोड पर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल शुरू करने से पहले प्रोग्रेसिव यूनिवर्सल सोसायटी ने डहरा क्षेत्र के 70 गांवों में हेल्थ सर्वे कराया है। इसमें 16000 लोगों से स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां जुटाई गई। पता चला कि 45 प्लस आयु वाले 55% लोगों को अपनी बीमारियों के प्रति लापरवाह थे। सर्वे से पता चला कि 80% महिलाओं को स्त्री रोग है। इसमें भी 92% खून की कमी और कुपोषण की शिकार हैं। 93.4% लोग हड्डी रोग और 85% पेट रोग के शिकार हैं।
औषधियों का रिसर्च इंस्टीट़्यूट भी बनेगा
डहरा मोड मेडिकल कॉलेज परिसर में रिसर्च इंस्टीट़्यूट भी होगा। इसमें औषधियों के रिसर्च सेंटर बनाएंगे। जिनमें आत्मशुद्धि द्वारा शरीर के विषैले पदार्थ को निकालने पर काम होगा। बीमारियों को समझने के लिए आक्सीजन बॉयोलाजी की डिटेल स्टडी की जाएगी। मन की स्थितियों को संवेदनशील जीवन के नजरिये से समझने का प्रयास होगा। रहन सहन और जीवन शैली से दीर्घायु और स्वस्थ जीवन जानने का पता लगाया जाएगा।
मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के लिए इसलिए चुना भरतपुर
वे ब्रज क्षेत्र की रहने वाली है। इसलिए ब्रज में ही सेवा करने का फैसला किया। पहले मथुरा और आगरा क्षेत्र में भी जगह तलाशी लेकिन फिर लगा कि भरतपुर ज्यादा बेहतर है। वे काफी समय यूएसए में रही हैं। उनकी सोसायटी 118 देशों में काम करती है और बड़ी संख्या में एनआरआई भी जुडे़ हैं।
साध्वी आनंद हितेषणा, सोसायटी सचिव
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