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राजस्थान पैरामेडिकल काउंसलिंग से रजिस्टर्ड विद्यार्थियों ने पैरामेडिकल एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष राहुल करसोलिया के नेतृत्व में संयुक्त निदेशक जोन एवं सीएमएचओ से बिना रजिस्टर्ड सरकारी अस्पतालों एवं निजी लैब में कार्यरत अनधिकृत पैरामेडिकल स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जिला अध्यक्ष राहुल करसोलिया ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टरों व बिना रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट के ऊपर कार्रवाई हो सकती है तो पैरामेडिकल टेक्नीशियन के ऊपर क्यों नहीं हो रही है।
राज्य सरकार की ओर से राजस्थान पैरामेडिकल काउंसलिंग अधिनियम 2008 के विधान के तहत राज्य सरकार द्वारा जारी गजट 8 दिसंबर 2014 में अधिसूचना प्रकाशित करके राजस्थान पैरामेडिकल काउंसलिंग का गठन किया जा चुका है। विधान के अनुसार राजस्थान क्षेत्र में बिना राजस्थान पैरामेडिकल काउंसलिंग से पंजीकरण के कोई भी पैरामेडिकल प्रोफेशनल पैरामेडिकल के बतौर कार्य करने के लिए समक्ष नहीं होगा। बिना पंजीयन के उक्त कार्य अवैध है। यह आदेश राज्य सरकार ने 1 फरवरी 2021 को जारी किया है।
भरतपुर में ऐसे सैकड़ों लैब हैं, जो इस विधान के तहत नियम शर्तों के अनुसार नहीं हैं। वर्तमान हालत यह हैं कि पैरामेडिकल डिग्री धारी सड़कों पर भटक रहे हैं और बिना डिग्री के दर्जनों लोग अवैध लैब का संचालन कर रहे हैं। साथ ही ऐसे कार्मिक भी हैं, जो बिना रजिस्ट्रेशन के सरकारी अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं। उनको भी हटाया जाए। ज्ञापन देने वालो में जिला उपाध्यक्ष कृष्ण कांत शर्मा, जिला महासचिव मनजीत सिंह, राजेश सिंह तथा तेजपाल सैनी आदि थे।
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