गहलोत के मंत्री बोले-आलाकमान याद रखे सरकार गिराने की साजिश:पायलट का नाम नहीं लिया, कहा-102 में से कोई बने CM

भरतपुर8 महीने पहले
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राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा ये तस्वीर भले अभी साफ नहीं हो, लेकिन गहलोत सरकार के मंत्री ने आलाकमान से साफ कह दिया है कि उसे याद रखना चाहिए कि 2 साल पहले बीजेपी के साथ मिलकर राजस्थान में गहलोत सरकार को गिराने की साजिश की गई थी, तब 102 विधायकों और सहयोगियों ने मिलकर सरकार को बचाया था।

यह बयान रविवार को गहलोत सरकार में राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने दिया। गर्ग भरतपुर दौरे पर थे। सरकार में सीएम को लेकर चल रही सरगर्मियों को बीच मंत्री सुभाष गर्ग ने खुल कर अपनी बात रखी। मंत्री गर्ग ने कहा कि पद खाली होने के बाद रायशुमारी होती है यह रायशुमारी का वक्त नहीं है। आलाकमान का फैसला सभी को मंजूर होगा। लेकिन आलाकमान को राजस्थान की जनता और MLA की अपेक्षाओं को ध्यान में रखना चाहिए।

2 साल पहले बीजेपी के साथ मिलकर रची साजिश
मंत्री सुभाष गर्ग ने कहा कि राजस्थान के सन्दर्भ में बताना चाहूंगा कि जो राजनीतिक गतिविधियां तेज हुई उसका कारण साफ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस के हित में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस आलाकमान से उन्हें निर्देश मिले हैं। यह बात सामने आ रही है कि विधायक दल की बैठक हो रही है, बैठक में क्या होगा यह तो शाम को मालूम पड़ेगा, लेकिन मैं तो लोकदल का विधायक हूं। सरकार में सहयोगी भी हूं और मंत्री भी हूं।

उन्होंने कहा कि मेरा यह मानना है कि कांग्रेस आलाकमान जो भी फैसला करेगी वह सभी को मंजूर होगा। इसमें कोई दोराय नहीं है। लेकिन कांग्रेस आलाकमान को यह ध्यान रखना चाहिए कि 2 साल पहले गहलोत सरकार को गिराने की साजिश की गई थी। इस तरह की साजिश हो गई थी कि बीजेपी के साथ मिलकर गहलोत सरकार को गिराया जाए।

जनता और एमएलए की अपेक्षाओं को ध्यान रखे आलाकमान
उस समय 102 MLA गहलोत के समर्थन में एकजुट हो गए। सहयोगी दल, निर्दलीय सभी ने मिलकर सरकार को बचाया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में आस्था व्यक्त की। एकजुट होकर बाड़ाबंदी में रहे। जैसलमेर और जयपुर में बाड़ाबंदी में रहे। ऐसा माहौल बन गया था कि बीजेपी तैयार बैठी थी। वर्तमान हालात में जो डवलपमेंट हुए हैं उनमें कांग्रेस आलाकमान को राजस्थान की जनता की अपेक्षाओं को ध्यान में रखाना चाहिए। साथ ही MLA क्या चाहते हैं, उनकी क्या राय है, यह भी ध्यान रखना चाहिए। जिस तरह से उस वक्त सरकार बचाने के लिए लड़ाई लड़ी थी, उसे ध्यान में रखते हुए ऐसे लोगों पर विचार किया जाना चाहिए जो कांग्रेस की विचारधारा के लिए समर्पित रहे और सरकार को बचाया।

लोगों ने अनुशासन तोड़ा और वापस आ गए
गर्ग ने कहा कि राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसका फैसला उन 102 विधायकों में से होना चाहिए, जिन्होंने सरकार बचाई। राजस्थान के मुख्यमंत्री की भी राय ली जानी चाहिए। उन सभी विधायकों की राय भी ली जानी चाहिए जिन्होंने सरकार बचाई। ताकि हम 2023 में हम दोबारा सरकार बना सकें। कई बार अफ़सोस होता है कि जिन लोगों ने अनुशासन तोड़ा, जो लोभ प्रलोभन में आकर चले गए, वे वापस आ गए और उनकी सारी गलतियां माफ़ कर दी गईं।

इसके बावजूद ऐसा क्या हो गया कि इस तरह की बातें चल रहीं हैं। हमारी भी भावनाएं हैं, हम भी सहयोगी दल हैं। जब कांग्रेस की सरकार बनी थी तो 100वां विधायक मैं था। 99 कांग्रेस के साथ थे, और 100 वां मैं था। हमने लोगों की भावनाएं और अपेक्षाओं का ध्यान रखा। वर्तमान हालात को ध्यान रखते हुए हम विचार कर रहे हैं कि कैसे दोबारा कांग्रेस की सरकार राजस्थान में आ सकती है। ऐसे लोगों के नाम पर ही आलाकमान को विचार करना चाहिए।

पद खाली होने के बाद रायशुमारी का वक्त आता है
गर्ग ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान का फैसला सभी को मंजूर होगा। लेकिन सहयोगी दल का विधायक होने के नाते अपनी बात आलाकमान तक पहुंचना चाहता हूं। आलाकमान कोई भी फैसला लेने से पहले विचार करे कि राजस्थान के संदर्भ में सही क्या है, कहीं पंजाब जैसी हालत न हो जाए। गलत फैसलों के कारण कई राज्य कांग्रेस से छिटकते चले जा रहे हैं।

गहलोत कांग्रेस के अध्यक्ष बनने जा रहे हैं। ऐसे में उनके चयन के बाद ही तय किया जाए कि राजस्थान का अगला सीएम कौन होगा। अभी तो दो पद की बात ही नहीं है, अभी तो एक ही पद है। जब गहलोत अध्यक्ष चुन लिए जाएं, उसके बाद आलाकमान फैसला करे। ऐसी बातें सामने आ रही हैं कि विधायक दल की बैठक में विधायकों से रायशुमारी की जा रही है। अभी रायशुमारी का वक्त ही नहीं है, पद खाली होने के बाद रायशुमारी का वक्त आता है। मैं समझता हूं यह सरकार और पार्टी को कमजोर करने की स्थिति है।

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