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राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फेडरेशन के कर्मचारियों ने सरकार के विरोध में हल्ला बोल धरना और प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसमें मुख्य वक्ता परिवहन फेडरेशन प्रभारी वरुण तिवारी और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के प्रदेश महामंत्री मुरारीलाल शर्मा ने 19 सूत्री मांगों के संबंध में सरकार और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा यदि मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 19 मार्च को जयपुर में महारैली की जाएगी।
इस दौरान संभागीय सचिव दलवीर सिंह ने कहा कि माह के पहले सप्ताह में एक से पांच तारीख तक वेतन और पेंशन नहीं दिया गया तो अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा। इसी के साथ भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश मंत्री मेंबर सिंह ने कहा कि जब तक वेतन समय पर नहीं दिया जाएगा, तब तक विरोध जारी रहेगा। राज्य सरकार सातवां वेतनमान लागू करे और निगम में पैसेंजर फॉल्ट सख्ती से लागू किया जाए। फेडरेशन के प्रदेश मंत्री नीरज दाहिना ने कहा कि चालकों को कम डीजल औसत और परिचालकों को कम आय के आरोप पत्र जारी किए जाकर वेतन से वसूली की जा रही है, जिसे रोका जाए।
बस स्टैंड के बाहर से अवैध वाहनों का संचालन भी रोका जाए। सेवानिवृत्त कर्मचारियों के निशुल्क पास की संख्या 10 से 50 की जाए। निगम में नई बसों और रिक्त पदों पर भर्ती शीघ्र की जाए, ताकि अनुबंध पर ली जा रही बसों से होने वाले घाटे को कम किया जा सके। बहादुर सिंह ने कहा कि सभी केंद्रीय बस स्टैंडों की बुकिंगों पर वरिष्ठ रोडवेजकर्मियों को ही लगाया जाए और बंद बुकिंगों को फिर से चालू किया जाए।
भूपेंद्र सिंह कुंतल ने कहा कि स्थानीय स्तर पर अधिकारी कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे पहले कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री के नाम ज्ञापन दोनों आगारों के मुख्य प्रबंधकों को सौंपा। इस दौरान रामपाल कुंतल, सुमरन सिंह, अमर सिंह, योगेश कुमार आदि मौजूद रहे।
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