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आरबीएम हास्पीटल में बहरेपन की जांच के लिए बनाया गया साउंडप्रूफ कमरा अभी तक अस्पताल के हैंडओवर नहीं हो सका है। राष्ट्रीय बहरापन नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम (एनपीपीसीडी) के तहत इसका निर्माण कराया गया था। लेकिन अब इस पर ताला लटका हुआ है। इससे मरीजों की जांच नहीं हो हो पा रही है।
इसे बनाने वाले का कहना है कि सबकुछ ठीक है, लेकिन ईएनटी विभाग की विभागाध्यक्ष इस टेकओवर करना नहीं चाहतीं। बहरहाल, सिस्टम के इस बहरेपन की सजा आम मरीज को भुगतनी पड़ रही है। दरअसल, राष्ट्रीय बहरापन नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम (एनपीपीसीडी) के तहत साउंड प्रूफ सिस्टम रूम तैयार किया गया है। इसके लिए एनएचएम को 2 लाख 85 हजार रुपए का बजट 2018 में मिला था।
इसका काम 2019 में पूरा होना था, लेकिन उस समय आरबीएम अस्पताल की नई बिल्डिंग तैयार हो रही थी। इसलिए तय किया गया कि इसे नई बिल्डिंग में ही बनवाया जाए। एनएचएम के एक्सईएन के आदेश पर 14 अगस्त 2020 से काम शुरू हुआ और 13 अक्टूबर 2020 तक काम पूरा करने के आदेश दिए गए। काम तय समय से पहले हो गया और नई बिल्डिंग में ईएनटी विभाग की ओपीडी के पास ही रूम नंबर 112 में साउंड प्रूफ सिस्टम तैयार कर दिया गया।
कई बार कहने के बाद भी विभागाध्यक्ष कर रहीं ना-नुकुर
ठेकेदार सुरेंद्र सिंह के पार्टनर आशीष फौजदार का कहना है कि उन्होंने वर्कऑर्डर के बाद काम शुरू करके 20 दिन में ही 20 गुणा 20 फुट के रूम नंबर 112 में 8 गुणा 14 साइज में पार्टीशन तैयार करके साउंड ऑब्जरवर लगाकर साउंड प्रूफ कर दिया, जिसके लिए आगरा से सामान लाया गया।
काम पूरा होने के बाद करीब 4 माह से हैंडओवर नहीं किया जा रहा है। ईएनटी विभागाध्यक्ष डा. प्रियंका अग्रवाल यह कहकर हैडओवर नहीं ले रहीं है कि यह 100 परसेंट साउंड प्रूफ नहीं है। जबकि उसे हमने चैक भी करा दिया है और अब मशीन से चैक करने की बात कहती हैं। साथ ही अब कमेटी भी बनाई है।
कभी ओटी तो कभी मेडिकल काॅलेज, सीट पर नहीं मिलती हैं विभागाध्यक्ष
ईएनटी विभाग में पहले ही घर पर मरीज देखकर अस्पताल में ऑपरेशन के आरोप लगाए जा चुके हैं। हाल ये है कि आरबीएम अस्पताल में ईएनटी विभागाध्यक्ष डा. प्रियंका अग्रवाल अपनी सीट पर कभी मिलती ही नहीं हैं। सुबह उपस्थिति करके गायब रहती हैं और कभी बोला जाता है कि मेडिकल कालेज में थी और कभी ओटी के नाम पर पूरे ओपीडी समय में मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं होती हैं।
उनकी विशेषज्ञता का मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। ईएनटी विभाग में मेडिकल कालेज में क्लास लेने जाने और ओटी का दिन तथा ओपीपी में बैठने का कोई समय निर्धारित नहीं है, जिससे मरीज उनके उपलब्ध होने की जानकारी कर सकें। मरीज चक्कर पर चक्कर लगाते फिरते हैं और फिर उनके घर मिलने काे मजबूर होते हैं।
छोटी-मोटी कमी हैं जिसे पूरी करके देंगे: एक्सईएन
सीएमएचओ ने हस्तांतरण करने के दिए निर्देश
साउंडप्रूफ सिस्टम रूम नंबर 112 के हस्तांतरण की प्रक्रिया के लिए हाल ही में 4 फरवरी को सीएमएचओ डॉ कप्तान सिंह ने आरबीएम प्रशासन को लिखा था। जिससे कि राष्ट्रीय बहरापन नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम का संचालन सुचारू रूप से किया जा सके।
पॉजिटिव- आप प्रत्येक कार्य को उचित तथा सुचारु रूप से करने में सक्षम रहेंगे। सिर्फ कोई भी कार्य करने से पहले उसकी रूपरेखा अवश्य बना लें। आपके इन गुणों की वजह से आज आपको कोई विशेष उपलब्धि भी हासिल होगी।...
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