मंत्री सुभाष गर्ग को आया ब्रेन स्ट्रोक:ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भरतपुर से जयपुर लाए गए, दीपावली समारोह में बिगड़ी तबीयत

भरतपुर5 महीने पहले
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मंत्री सुभाष गर्ग को आरबीएम अस्पताल से बाहर लेकर आते मंत्री विश्वेंद्र सिंह।

राजस्थान सरकार में मंत्री सुभाष गर्ग को रविवार को भरतपुर में दीपावली मिलन समारोह में माइनर ब्रेन स्ट्रोक आ गया। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें राज बहादुर मेमोरियल अस्पताल (आरबीएम हॉस्पिटल) ले गए। जहां प्राथमिक उपचार के बाद जयपुर रेफर कर दिया। फिलहाल गर्ग का SMS हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।

दरअसल, समारोह में मंत्री गर्ग से मिलने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। मंत्री विश्वेंद्र सिंह सहित कांग्रेस नेता वहां मौजूद थे। लोग मंत्री गर्ग का सम्मान कर रहे थे और उन्हें मालाएं और पगड़ी पहना रहे थे। दोपहर साढ़े 4 बजे के करीब जब गर्ग पगड़ी बांध रहे थे तो उनके हाथ में जकड़न हो गई और अचानक तबीयत बिगड़ गई।

मंत्री सुभाष गर्ग को कार्यालय से हाथ पकड़कर मंत्री विश्वेंद्र सिंह बाहर लाए और हॉस्पिटल ले गए।
मंत्री सुभाष गर्ग को कार्यालय से हाथ पकड़कर मंत्री विश्वेंद्र सिंह बाहर लाए और हॉस्पिटल ले गए।

वहां मौजूद मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने गर्ग को संभाला। कार्यालय के पास रहने वाले डॉ. विवेक भारद्वाज को बुलाया। उन्हें आरबीएम अस्पताल लेकर गए। जहां डॉक्टर्स ने मंत्री की एमआरआई की।

आरबीएम अस्पताल अधीक्षक जिज्ञासा साहनी ने बताया कि मंत्री गर्ग को पहले से हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत रही है। इसकी दवाएं भी चल रही है। रविवार को उनके कार्यालय पर दीपावली मिलन कार्यक्रम था, जिसमें काफी भीड़ थी।

धूप और स्ट्रेस के चलते शायद उनका बीपी बढ़ गया और हाथ में जकड़न होने के साथ दर्द हुआ। शाम 5.30 बजे जयपुर रेफर किया गया। जयपुर पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया।

हड़ताली कर्मचारियों का हंगामा
मंत्री सुभाष गर्ग के कार्यालय पर दीपावली मिलन समारोह के दौरान तबीयत बिगड़ने से पहले हंगामा भी हुआ था। मंत्री गर्ग से मिलने हड़ताली सफाई कर्मचारी भी पहुंचे थे। सिर्फ दो कर्मचारियों को ही मंत्री गर्ग से मिलने की अनुमति मिली थी। इसके अलावा एक सफाई कर्मचारी को पुलिस ने मंत्री गर्ग के कार्यालय के बाहर से हिरासत में भी लिया था।

मंत्री गर्ग से मिलने की अनुमति नहीं मिली तो कर्मचारी पुलिस से उलझ गया था। काफी हंगामा हुआ था। पुलिस ने अभद्रता के आरोप में हिरासत में लिया था। बाद में उसे छोड़ दिया था।
मंत्री गर्ग से मिलने की अनुमति नहीं मिली तो कर्मचारी पुलिस से उलझ गया था। काफी हंगामा हुआ था। पुलिस ने अभद्रता के आरोप में हिरासत में लिया था। बाद में उसे छोड़ दिया था।

भरतपुर में 43 दिन से प्राइवेट सफाई कर्मचारी लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इसे लेकर वे मंत्री सुभाष गर्ग से मुलाकात कर मांग रखने पर अड़े थे।

सर्दी में क्यों ज्यादा रहता है ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

  • सर्दी में ज्यादा देर तक बिस्तर पर पड़े होते हैं। फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है। शरीर में ब्लड प्रेशर हाई होता है और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
  • इस मौसम में भूख अधिक लगती है। एक्सरसाइज की कमी, तापमान में गिरावट के कारण शरीर को सामान्य तापमान पर रखना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। इसलिए शरीर अपने तापमान सामान्य रखने के लिए अधिक खाना खाता है। इसी खाने को पचाने के लिए काम करना पड़ता है ताकि शरीर को एनर्जी और गर्मी मिलती रहे। ठंड की वजह से हम ऐसा करने से आलस करते हैं तो ब्रेन् स्ट्रोक का रिस्क बढ़ जाता है।
  • ठंड के मौसम में मीठा, घी और तेल ज्यादा खाते हैं। वजह इससे बढ़ता है और एक्सरसाइज उतनी हम करते नहीं, इस वजह हाई बीपी , शुगर होने की आशंका रहती है। डायबिटीज, मोटापा और ब्लड प्रेशर के मरीजों में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा काफी ज्यादा रहता है।
  • कुछ ऐसे लोग भी हैं जो ठंड के मौसम में शरीर को गर्मी देने के लिए ड्रिंक और स्मोक करते हैं। ये स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाता है।
  • कम पानी पीना भी ब्रेन स्ट्रोक का कारण हो सकता है। सर्दियों में ज्यादातर लोग ऐसा करते हैं। जिसकी वजह से डिहाइड्रेशन की शिकायत होने लगती है। शरीर का तापमान बनाए रखने के लिए शरीर में उचित मात्रा में पानी की जरूरत होती है। कम पानी पीने से खून गाढ़ा होने की आशंका रहती है।