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पुलिस का आम सभ्य लोगों में भय क्यों है, इसकी बानगी गुरुवार आधी रात को भरतपुर में देखने को मिली। जब धौलपुर में तारीख-पेशी भुगत कर प्राइवेट कार से लौट रहे जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के एडीसीपी राजेंद्र खोत और उनके साथियों को भरतपुर के पुलिस कर्मियों ने पहले तो पुलिसिया अंदाज में धमकाया।
जब उन्होंने सभ्यता से बात करने को कहा तो उनकी जमकर पिटाई कर दी। वे उन्हें थाने लाकर बंद करने ही वाले थे कि इस बीच खोत ने जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव को फोन कर दिया। उन्होंने तुरंत भरतपुर आईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा को शिकायत की। हकीकत पता चलते ही भरतपुर पुलिस के हाथ-पांव फूल गए।
एसपी देवेंद्र कुमार विश्नोई मौके पर पहुंचे और एडीसीपी राजेंद्र खोत एवं उनके साथियों से माफी मांगी। लेकिन, एडीसीपी ने गश्ती दल में शामिल पुलिस कर्मियों के खिलाफ लिखित शिकायत दी हैं। इस पर सेवर थाने के एएसआई राधाकिशन और उसके साथी पुलिसकर्मी महेंद्र और प्रेम सिंह, हिम्मत सिंह पर एफआईआर दर्ज करने के बजाए उन्हें माफी देकर छोड़ दिया। हालांकि मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एडीएफ) राजेंद्र कुमार वर्मा कर रहे हैं।
मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों पर एफआईआर तक नहीं, माफी देकर छोड़ा
एडीसीपी ने सभ्यता से बात करने को कहा तो भड़के आरोपी पुलिसकर्मी
दरअसल, हुआ यह कि धौलपुर से लौटते समय रात्रि करीब 12 एडीसीपी राजेंद्र खोत आगरा-जयपुर नेशनल हाइवे स्थित मलाह पुलिया पर लघु शंका के लिए रुके थे। तभी वहां से गुजर रहे गश्ती दल ने जब रात में एक कार के पास 3-4 लोगों को खड़े देखा तो कुछ संदेह हुआ। इस पर उन्होंने पुलिसिया अंदाज में उनसे पूछताछ करनी शुरू कर दी।
इस पर एडीसीपी ने उन्हें बस इतना ही कहा कि पुलिसकर्मी वे भी हैं, लेकिन सभ्यता से बात करनी चाहिए। इसी बात को लेकर पहले उनमें कहासुनी हुई और बात मारपीट तक पहुंच गई। इस दौरान एडीसीपी ने अपना पहचान पत्र भी दिखाया। लेकिन, गश्ती दल के पुलिसकर्मी नहीं माने और मारपीट करते रहे।
पुलिसिया अंदाज में धमकाया, थाने ले जाने की भी कोशिश
आरपीएस राजेंद्र खोत के मुताबिक मारपीट करने के साथ ही गश्ती दल ने सूचना देकर मौके पर मथुरा गेट और अटल बंध थाने के अलावा कंट्रोल रूम से चेतक भी बुलवा ली। थाने लाने के लिए उन्हें जीप में भी बिठा लिया था। लेकिन, तभी आईजी की सूचना पर एसपी देवेंद्र कुमार विश्नोई वहां आ गए। उन्होंने जब हकीकत बताई तब जाकर भरतपुर के पुलिसकर्मी माने।
डीजीपी ने 2 दिन पहले ही भरतपुर में दी थी अनुशासित रहने की नसीहत
खास बात यह है कि दो दिन पहले ही संभाग के दौरे पर आए डीजीपी एम.एल. लाठर ने संपर्क सभा और क्राइम मीटिंग में पुलिस कर्मियों से कहा था कि कर्मी संवेदनशील बनें। सभ्य व्यवहार करें और अनुशासन में रहें। लेकिन, इसका पुलिस पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
हां, एडीसीपी के साथ हॉट-टॉक की शिकायत मिली थी: आईजी
मेरे साथ न्याय होगा, मुझे अपने अफसरों पर पूरा भरोसा है: राजेंद्र
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