भरतपुर के कैथवाड़ा थाना इलाके में शनिवार सुबह दो युवकों के ऊपर एक तेंदुए ने हमला कर दिया। दोनों युवकों के शरीर पर काफी चोटें आईं हैं। इस घटना के बाद घना पक्षी विहार से एक वन विभाग की टीम तेंदुए को रेस्क्यू करने के लिए मौके पर पहुंची लेकिन संसाधनों की कमी होने के कारण टीम ने हाथ खड़े कर दिए। जिसके बाद तेंदुए को रेस्क्यू करने के लिए अलवर से सरिस्का टीम को बुलाया गया।
कैथवाड़ा थाना इलाके के डाबक गांव के दो युवक ऋषिकेश और राहुल सुबह पांच बजे खेतों में गए थे। रास्ते में उनके सामने तेंदुआ आ गया। दोनों युवक उसकी आवाज सुनकर घबरा गए। अंधेरे की वजह से तेंदुए की सिर्फ आंखें चमक रही थीं। इतने में तेंदुए ने दोनों युवकों पर हमला कर दिया। तेंदुए के हमले में दोनों युवकों की छाती, मुंह, हाथ पर घाव हुए हैं। दोनों युवक मौके से जैसे तैसे भागे और अपनी जान बचाई। युवकों के चिल्लाने की आवाज सुन ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर खेतों की तरफ गए। इतने में तेंदुआ खेतों की तरफ से भाग गया।
ग्रामीणों ने घटना की सूचना कैथवाड़ा पुलिस को दी सूचना मिलते ही घना पक्षी विहार की टीम और पुलिस मौके पर पहुंच गई घना पक्षी विहार की टीम अलवर की सरिस्का टीम को तेंदुए की सुचना दी और तेंदुए को एक खेत में घेर लिया।
करीब 9 घंटे बाद अलवर के सरिस्का की रेस्क्यू टीम कैथवाड़ा थाना इलाके के डाबक गांव पहुंची जहां तेंदुए को एक खेत में घेर रखा था। टीम ने सबसे पहले तेंदुए को इंजेक्शन से बेहोश किया। इंजेक्शन लगने के बाद तेंदुआ करीब 2 किलोमीटर तक भागा और आखिरी में एक सरसों के खेत में जाकर बेहोश हो गया। तेंदुए के बेहोश होने के बाद टीम उसे अलवर के सरिस्का में ले गई। रेस्क्यू टीम के अधिकारियों ने बताया की तेंदुआ अलवर के सरिस्का से ही आया था।
रिपोर्ट- पंकज झाड़ोलिया, कैथवाड़ा, भरतपुर
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