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भरतपुर जिले में भी प्रीमियम पेट्रोल की दर 100.90 रुपए हो गई हैं। सोमवार को रेट बढ़ने के बाद सादा पेट्रोल की दरें 97.24 रुपए और डीजल की दर 89.59 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गई हैं। जबकि 12 से 15 किलोमीटर दूरी पर ही उत्तर प्रदेश सीमा में पेट्रोल का रेट 89.12 रुपए औऱ डीजल का रेट 81.65 रुपए प्रति लीटर है। दरों में करीब 8 रुपए लीटर का यह अंतर हमारे यहां वैट दर ज्यादा होने की वजह से है।
इसका असर यह है कि यूपी, एमपी और हरियाणा से हमारे यहां पेट्रोल-डीजल की तस्करी बढ़ गई है। बॉर्डर वाले इलाकों में अब तक 2 पेट्रोल-पंप बंद हो चुके हैं। जबकि करीब दो दर्जन यानि 24 पेट्रोल पंप की सेल इतनी घट गई है कि वे भी बंद होने के कगार पर आ चुके हैं। अगर राज्य सरकार कोरोनाकाल में बढ़ाया गया वैट और रोड सैस भी वापस ले ले तो लोगों को काफी राहत मिल सकती है।
पेट्रोलियम डीलर्स के मुताबिक जिले में 148 पेट्रोल पंप हैं। इनमें से 2 ऊंचा नगला का शहीद भगवान सिंह फिलिंग स्टेशन और सोनी फिलिंग स्टेशन को घाटे की वजह से बंद करना पड़ा है। सारस चौराहा से लेकर ऊंचा नगला यूपी बॉर्डर तक 7, रेलवे स्टेशन भरतपुर ओवर ब्रिज से रारह यूपी बॉर्डर तक 6, भरतपुर-सोंख रोड पर 4 और डीग-गोवर्धन रोड पर 4 पेट्रोल पंप ऐसे हैं, जिनकी सेल 5 से 10% रह गई है। ये भी अब बंद होने के कगार पर हैं।
रेटों में 8 रुपए लीटर का अंतर इसलिए क्योंकि भरतपुर में एमपी से 5 और यूपी से 11.20% तक वैट ज्यादा, तस्करी बढ़ी, बार्डर इलाके के 2 पेट्रोल पंप हुए बंद
54 दिन में 26 बार यानि हर दूसरे दिन बढ़ रहे तेल के दाम, 6.79 तक मंहगा हुआ
पेट्रोल-डीजल के दाम 1 जनवरी, 2021 से 23 फरवरी तक यानि 54 दिन में 26 बार बढ़ चुके हैं। इस दौरान पेट्रोल 6.40 रुपए और डीजल 6.79 रुपए लीटर महंगा हुआ है। डीलर्स के मुताबिक 1 जनवरी,21 को भरतपुर में पेट्रोल 90.84 रुपए और डीजल 82.80 रुपए लीटर था। जबकि मंगलवार को पेट्रोल की रेट 97.24 रुपए और डीजल की रेट 89.59 पैसे प्रति लीटर रही।
कोरोनाकाल में वैट और रोड सेस बढ़ाने से पेट्रोल-डीजल के रेटों में आया ज्यादा उछाल
डीलर्स का कहना है कि कोरोनाकाल में राज्य सरकार ने पेट्रोल पर 8% और डीजल पर 6% वैट बढ़ाया था। इसके साथ ही रोड से में भी पेट्रोल पर 1.50 रुपए और डीजल पर 1.75 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की गई। इससे तेल की कीमतों में ज्यादा उछाल आया। जबकि इससे पहले यूपी और भरतपुर की रेटों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं था। लेकिन, कोराेना संकट से उबने के बाद भी राज्य सरकार ने इसमें कमी नहीं की है।
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