भरतपुर के लिए थोड़ी राहत की खबर है। पिछले 3 दिन के दौरान हमारी आबोहवा सुधरी है। वायु प्रदूषण में 7 पॉइंट की गिरावट आई है। पर्टिकुलेट मैटर 178 दर्ज किया गया। लेकिन, अभी वायु प्रदूषण के कारण बंद पड़े उद्याेग-धंधाें के लिए राहत की खबर आना बाकी है। क्योंकि दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) अभी भी बहुत खराब है। बुधवार को दिल्ली में एक्यूआई स्तर 426 था। यह खतरनाक श्रेणी हैं। इसलिए दिल्ली में प्रदूषण घटने पर ही भरतपुर के उद्योग-धंधे शुरू हो सकेंगे। उल्लेखनीय है कि 28 अक्टूबर से भरतपुर में 384 ईंट भट्टे, स्टोन क्रशर और मिक्सिंग हॉट प्लांट समेत कोयले से चलने वाले कारखानों पर रोक है।
इससे प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से करीब 18 हजार लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ है।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कनिष्ठ वैज्ञानिक अंकित शर्मा ने बताया कि भरतपुर की एयर क्वालिटी में सुधार हो रहा है। इसकी वजह मौसम में बदलाव है। क्योंकि हवा का रुख बदला है तथा स्पीड बढ़ी है। मौसम विशेषज्ञ के अनुसार अधिकतम पारा 33.7 और न्यूनतम पारा 17 डिग्री दर्ज किया गया। पंजाब, हरियाणा समेत एनसीआर रीजन में अब पराली जलाना भी कुछ कम हुआ है। प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग बंद हैं, इसलिए उम्मीद है कि अगले एक सप्ताह में दीपावली से पहले वाली स्थिति आ सकती है। अक्टूबर में औसत पीएम स्तर 120 और दीपावली से पहले 160 प्वाइंट था। माना जा रहा है कि दिल्ली में एक्यूआई स्तर 200-250 के आसपास आने पर कारखाना चलाने की अनुमति मिल सकती है।
डॉक्टरी सलाह... अस्थमा रोगी मास्क जरूर लगाएं
फिजिशियन डाॅ. अंकुर अग्रवाल ने बताया कि अस्थमा रोगियों को अभी भी सावधानी बरतनी जरूरी है। कोहरे में धूल के कण और हवा में पॉल्यूशन ऊपर जाने के बजाय नीचे ही रुक जाते हैं। ये वॉक के दौरान अस्थमा अटैक को बढ़ा देते हैं। इसलिए धूप निकलने के बाद ही वॉक करें। इसलिए इन दिनों ओपीडी में अस्थमा रोगियों की संख्या में 10% का इजाफा हुआ है।
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