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आरबीएम अस्पताल के ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट में कोई खराबी नहीं थी। रूम का तापमान 40 डिग्री तक होने से ड्रायर का सायरन बज गया। कंपनी की सलाह पर तकनीकी कर्मचारी ने प्लांट को बंद ही कर दिया। करीब 10 दिन बाद उसे मंगलवार को ठीक कर दिया गया। इस दौरान रोजाना औसतन 30 ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने पड़े।
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक जिस दिन यह प्लांट बंद हुआ, उसी दिन इंजीनियर भेजने के लिए कंपनी को सूचित कर दिया गया। चूंकि इस प्लांट को ऑपरेट करने वाला अस्पताल का कर्मचारी ट्रेंड नहीं था, इसलिए उसने ज्यादा छेड़खानी नहीं की। उल्लेखनीय है कि यह प्लांट पिछले महीने 18 जनवरी को ही शुरू हुआ था।
प्लांट लगाते वक्त ही छोड़ी खामी
इंजीनियर के मुताबिक प्लांट लगाते वक्त सिविल वर्क में खामी रह गई थी। रूम का तापमान मेंटेन रखने के लिए वहां एग्जॉस्ट और डक कूलिंग सिस्टम लगाना चाहिए था, जो नहीं लगाए गए थे।
सर्दियों में लगा था प्लांट इसलिए एग्जॉस्ट का ध्यान नहीं रहा : गुप्ता
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