लव मैरिज की, अब इंदिरा रसोई में ली शरण:पिता ने धक्का मारा तो दीवार में टकराई 3 महीने की मासूम

भरतपुर6 महीने पहले
  • कॉपी लिंक
रूपबास पुलिस थाने में मदद की गुहार करती मुस्कान। साथ में पति दीपक और बेटी सोनी। - Dainik Bhaskar
रूपबास पुलिस थाने में मदद की गुहार करती मुस्कान। साथ में पति दीपक और बेटी सोनी।

भरतपुर में लव मैरिज करने के बाद दंपती अपनी 3 महीने की बच्ची के साथ इंदिरा रसोई में रहने को मजबूर है। 4 दिन से दीपक और मुस्कान अपनी बच्ची के साथ भरतपुर के रूपबास की इंदिरा रसोई में शरण लिए हुए हैं। दोनों के परिवार वाले लव मैरिज के चलते इन्हें ठुकरा चुके हैं।

मुस्कान का कहना है कि वह अपनी 3 महीने की बेटी को लेकर अपने पीहर गई थी। वहां पापा ने धक्का मारा। मैं दीवार में टकराई। बेटी का सिर भी टकराया और वह छिटककर पक्के फर्श पर जा गिरी। शुक्र है उसकी जान बच गई। यह घटना 15 दिन पहले हुई।

मुस्कान (19) ने बताया कि वह और दीपक (24) रूपबास थाना इलाके में मिलसमा गांव के रहने वाले हैं। दीपक से उसने अपनी मर्जी से शादी की। इसके बाद पीहर और ससुराल दोनों जगह से उन्हें धक्के मार कर निकाल दिया गया। मुस्कान ने कहा कि हम 3-4 दिन से रूपबास की इंदिरा रसोई में रह रहे हैं। ये लोग मदद कर रहे हैं। उसने वीडियो के जरिए लोगों से मदद की अपील की।

भरतपुर के रूपबास इलाके में इंदिरा रसोई में शरण लिए दीपक और मुस्कान। गोद 3 महीने की बच्ची सोनी भी है।
भरतपुर के रूपबास इलाके में इंदिरा रसोई में शरण लिए दीपक और मुस्कान। गोद 3 महीने की बच्ची सोनी भी है।

17 साल की उम्र में दीपक के साथ गई

मुस्कान 2019 में जब दीपक के साथ घर से भागी तो उसकी उम्र महज 17 साल थी। दीपक 21 साल का था। मुस्कान के पिता दिलीप सिंह ठेके पर मकान बनाने और मेहनत मजदूरी की काम करते हैं। मुस्कान की मां ममता खेतिहर मजदूर है। दिलीप सिंह एक बार दीपक के मकान में भरत (प्लॉट में मिट्‌टी भरना) का काम कर रहे थे। उनकी तबीयत ठीक नहीं थी तो मिट्‌टी डालने मुस्कान साथ चली गई। वहीं मुस्कान और दीपक की मुलाकात हुई। दोनों में प्यार हो गया। दोनों 10वीं तक पढ़े लिखे हैं।

दिलीप सिंह और ममता की 5 बेटियों में से मुस्कान तीसरे नंबर की थी। मुस्कान ने दीपक से शादी की इच्छा घर में जाहिर की तो घरवाले इसके लिए तैयार नहीं हुए। पिता ने दीपक से बात न करने की हिदायत दी। लेकिन फोन पर चोरी छुपे मुस्कान दीपक से बात करती रही। एक शाम मुस्कान के जीजा ने उसे दीपक से बात करते हुए पकड़ लिया। जीजा ने मुस्कान के घरवालों से शिकायत कर दी। इसके बाद घरवालों ने दीपक को घर बुलाया।

दीपक को हिदायत दी कि आइंदा वह मुस्कान से बात न करे। इससे मुस्कान आहत होकर सुसाइड करने कुएं की तरफ चल पड़ी। घरवालों ने दीपक को बताया तो वह मुस्कान को समझा-बुझा कर घर छोड़ गया। मुस्कान के घरवालों ने सभी रिश्तेदारों को बुलाया और रात 11 बजे उसके मुंह में कपड़ा ठूंस कर उसकी पिटाई की। मुस्कान के चाचा मुकेश ने उसकी गर्दन पर गंडासा रखकर दीपक के खिलाफ रेप केस कराने की बात कही।

मुस्कान के फूफा मांगी लाल (निवासी बाड़ी) ने उसके हाथ पर गर्म चिमटा भी लगाया, जिसका निशान आज तक उसके हाथ पर है। इतने जुल्म के बाद भी मुस्कान नहीं मानी तो दूसरे दिन सुबह मामा दिनेश के साथ सैपऊं भेज दिया गया। वहां मामा ने भी मुस्कान के साथ मारपीट की।

करीब 4 दिन मामा के घर रहने के बाद मौका पाकर मुस्कान ने नानी के मोबाइल से दीपक को फोन कर ननिहाल सैपऊ बुला लिया। दीपक के आने के बाद में सुबह 11 बजे वह बहाना करके मामा के घर निकली और दीपक के साथ बाइक पर बैठकर शमसाबाद पंहुच गई। बाइक को दीपक के भांजे के पास खड़ी कर दोनों बस से दिल्ली चले गए। इस घटना के बाद मुस्कान के मामा दिनेश ने सैपऊ थाने में दीपक के खिलाफ नाबालिग को भगा ले जाने का मामला दर्ज करवा दिया।

दिल्ली में भांजे के पास रहे

दीपक की बड़ी बहन का बेटा फौजी दिल्ली में रहकर मार्बल का काम कर रहा था। वे फौजी के पास 3 दिन रहे। इसके बाद फौजी ने दीपक के बड़े भाई मुकेश और जीजा बाबूलाल को फोन कर बता दिया कि दीपक और मुस्कान दिल्ली में उसके पास हैं। अगले दिन दीपक का जीजा व भाई दिल्ली पहुंच गए और दोनों को बस से रूपवास थाने ले आए। जहां से दोनों को सैपऊ पुलिस पकड़कर ले गई। अगले दिन मुस्कान को नारी निकेतन धौलपुर भेज दिया गया। तीन दिन बाद मुस्कान को कोर्ट में पेश किया गया। वहां उसके बयान दर्ज किए गए। इसके बाद मुस्कान और दीपक को छोड़ दिया गया।

रूपबास थाने के बाहर दीपक और मुस्कान। दोनों पुलिस से मदद की गुहार लगा रहे हैं। दोनों को उनके घरवालों ने मारपीट कर घर से निकाल दिया है।
रूपबास थाने के बाहर दीपक और मुस्कान। दोनों पुलिस से मदद की गुहार लगा रहे हैं। दोनों को उनके घरवालों ने मारपीट कर घर से निकाल दिया है।

पुलिसकर्मी ने बताया रिश्ता

सैंपऊ थाने में तैनात एक पुलिसकर्मी को अपने रिश्तेदार के लिए मुस्कान पसंद आ गई। उसने प्रस्ताव मुस्कान के परिजनों के सामने रखा। कहा कि वह अपने साले के लड़के से मुस्कान की शादी कराना चाहता है। परिवार के लोगों ने मुस्कान को समझाने की कोशिश की। उसे अंदेशा हुआ कि उसके घरवाले जबरन उसकी शादी कर देंगे। उसने फिर दीपक से संपर्क किया और नवंबर 2021 में दोनों फिर घर से भाग गए।

दूसरी बार भागकर लखनऊ गए

लखनऊ में दीपक का एक जानकार ठेकेदार था। वह मुस्कान को लेकर वहीं चला गया। ठेकेदार ने दीपक को मार्बल का काम दिलाया। दीपक ने किराए का मकान ले लिया। दोनों करीब 3 महीना लखनऊ में रहे। मुस्कान बालिग हो गई थी, इस दौरान आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली। लेकिन मार्बल का काम करने के दौरान दीपक की तबीयत खराब रहने लगी। लखनऊ में काम नहीं जमा तो दीपक और मुस्कान दिल्ली चले गए।

दिल्ली में दीपक की मुलाकात गणेश चौक मंडावली में धौलपुर के एक जानकार ठेकेदार से हुई। ठेकेदार ने दीपक की तबीयत को देखते हुए उसे महरौली में स्थित टीबी हॉस्पिटल में इलाज कराने भेजा। लेकिन दीपक के पास आधार कार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेज नहीं थे। ऐसे में हॉस्पिटल में इलाज नहीं मिला।

इसके बाद दीपक और मुस्कान लौट कर भरतपुर आ गये। जहां दीपक के एक जीजा पुरुषोत्तम ने दीपक को मोती चारबाग हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया और लौट गया। हॉस्पिटल में दीपक की जांच हुई तो खून की कमी होना सामने आया। खून का इंतजाम नहीं होने पर 5 दिन बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

इसके बाद दीपक को लेकर मुस्कान धौलपुर के सरकारी हॉस्पिटल में पहुंची। वहां करीब 1 महीने तक इलाज चलने के बाद दीपक को जयपुर रेफर कर दिया गया। जयपुर में दीपक के साथ कोई परिजन नहीं आया था, इसलिए उसे अस्पताल में एडमिट नहीं किया गया। वह लौटकर धौलपुर के सरकारी अस्पताल पहुंचा तो चिकित्सक ने बात नहीं की। इसके बाद दीपक और मुस्कान ने धौलपुर कलेक्टर से गुहार लगाई तो सरकारी हॉस्पिटल में दीपक का इलाज शुरू हुआ। उसे 22 बोतल खून चढ़ाया गया।

इधर, अस्पतला में पति दीपक का इलाज चल रहा था तो उधर मुस्कान को लेबर पेन शुरू हुआ। धौलपुर अस्पताल के वार्ड में ही नर्सों की मदद से मुस्कान ने बेटी को जन्म दिया। मुस्कान ने बताया कि इन दिनों वह बहुत मुश्किल दौरा से गुजरी।

पिछले कई दिन से मुस्कान और दीपक दर दर भटकने को मजबूर हैं। दीपक को ब्लड कैंसर है। बीमारी के चलते वह मजदूरी भी नहीं कर पा रहा है।
पिछले कई दिन से मुस्कान और दीपक दर दर भटकने को मजबूर हैं। दीपक को ब्लड कैंसर है। बीमारी के चलते वह मजदूरी भी नहीं कर पा रहा है।

बच्ची पर नाना को नहीं आया तरस

मुस्कान ने बताया कि करीब 15 दिन पहले वह बच्ची को लेकर अपने पीहर पहुंची। जहां पिता दिलीप सिंह ने उसके साथ मारपीट की। नाना को तीन महीने की बच्ची पर भी तरस नहीं आया। दिलीप सिंह ने मुस्कान को धक्का मारा जिससे वह बच्ची समेत दीवार से टकराई। बच्ची सोनी का सिर दीवार में जाकर लगा और वह पक्के फर्श पर गिर गई। मुस्कान ने कहा कि परिजन बच्ची को मारने की भी धमकी दे रहे हैं।

न घर, न पैसे, इंदिरा रसोई में गुजारा

अब पति पत्नी और उनकी 3 महीने की बेटी सोनी दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। न परिवार सुन रहा है, पुलिस। रूपबास की एक इंदिरा रसोई में तीनों ने शरण ली हुई है। इंदिरा रसोई संचालक ही इनके खाने पीने का प्रबंध करता है। मुस्कान ने कहा कि फिलहाल इंदिरा रसोई में रहकर ही जीवन यापन कर रही हूं। इलाज के लिए कोई साधन नहीं है। इंदिरा रसोई के निरीक्षण के लिए आए कलेक्टर आलोक रंजन ने एसडीएम को हमारा चिरंजीवी कार्ड बनवाकर जयपुर इलाज भेजने की बात कही है। पुलिस ने घरवालों को भी बुलाया था और समझाइश चल रही है। अभी तक घरवाले मानने को तैयार नहीं हैं।

बहुत दुख सहे, लेकिन दीपक का साथ नहीं छोड़ा

बड़ी बात ये है कि नाबालिग उम्र में दीपक से प्रेम करने वाली मुस्कान ने प्रेम को निभाया भी है। हालत कैसे भी रहे उसने दीपक का साथ नहीं छोड़ा। दीपक ने जिस हाल में रखा उसी में रही। प्रेम के चक्कर में परिवार और रिश्तेदारों से बैर पाल लिया। दीपक की बीमारी में भी उसने उसके इलाज के लिए कोशिशें कीं। जब कहीं से कोई राह नहीं दिखी तब भी वह अपने पति के इलाज के लिए सार्वजनिक अपील कर रही है। हालांकि अभी तक मदद के हाथ उस तक नहीं पहुंचे हैं।

यह भी पढ़ें

गैंगरेप के बाद पिता को सड़क किनारे लहूलुहान मिली बेटी:चार दरिंदों ने दिन-दहाड़े किया किडनैप; बोल-सुन नहीं सकती है युवती

प्रदेश में एक के बाद एक गैंगरेप के मामले बढ़ते जा रहे हैं। एक और ऐसा मामला सामने आया है, जहां बदमाशों ने मूक बधिर दलित युवती के साथ गैंगरेप किया। खून से लथपथ हालत में परिजन देर रात उसे हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। मामला सामने आने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची। मामला बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना थाना इलाके का है। (पूरी खबर पढ़ें)