राज्य के करीब 38000 प्राइवेट स्कूलों का सारा रिकॉर्ड अगले 2 महीने में ऑनलाइन हो जाएगा। इनमें भरतपुर जिले के भी 750 प्राइवेट स्कूल शामिल हैं। इससे अब स्टूडेंट्स के साथ धोखा नहीं होगा। क्योंकि वे एडमिशन के समय ही ऑनलाइन देख सकेंगे कि जिस स्कूल में वे पढ़ रहे हैं अथवा पढ़ने जा रहे हैं, उसकी मान्यता उस क्लास तक है भी या नहीं।
क्योंकि अब तक होता यह था कि कई प्राइवेट स्कूल बिना मान्यता के भी अपने यहां बच्चों को रोकने के उद्देश्य से बिना मान्यता के ही 8वीं, 10वीं और 12वीं की कक्षा में एडमिशन देकर पूरे साल क्लास चलाते रहते थे। बाद में उन स्टूडेंट्स को दूसरे स्कूल के माध्यम से परीक्षा में बिठाते थे। कई बार स्टूडेंट्स के साथ तब धोखा हो जाता था जब स्कूल की मान्यता न होने के कारण उन्हें बोर्ड एग्जाम में बैठने से रोक दिया जाता था।
इससे विवाद सामने आते थे। अब शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूल पोर्टल पर एकीकृत मान्यता मॉड्यूल शुरू किया है। इसके तहत सभी प्राइवेट स्कूलों को 60 दिन में अपने स्कूल का रिकॉर्ड पोर्टल पर अपलोड करना होगा। इससे आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन चाहने वाले 25 प्रतिशत नि:शुल्क सीटों पर आसानी से प्रवेश ले सकेंगे।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में मान्यता प्रभारी सुनील गोयल ने बताया कि इसके बाद अभिभावकों को भी यह सूचना मिल सकेगी कि किस स्कूल को कब और किस स्तर की मान्यता मिली है। पोर्टल पर अपलोड किए गए रिकॉर्ड का जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा गठित कमेटी सत्यापन करेगी।
स्कूलों का मान्यता रिकॉर्ड ऑनलाइन कर रहे हैं : डीईओ
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