बिजौलिया कस्बे को नगरपालिका का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर ग्राम पंचायत के सफाई कर्मचारियों का एक दल पूर्व विधायक विवेक धाकड़ से मिला। ग्राम पंचायत के सफाई कर्मियों ने धाकड़ को एक मांग पत्र देकर सरकार से बिजौलिया कस्बे को आबादी के हिसाब से नगरपालिका घोषित करवाने की मांग रखी।
बजट में अनदेखी का आरोप
पत्र में बताया है कि बिजौलिया कस्बा आबादी और मतदाताओं के आधार पर प्रदेश की कई नगर पालिका क्षेत्रों से बड़ा है। राजनेताओं के पक्षपात के कारण कस्बे की हर बजट सत्र के दौरान अनदेखी की जाती है। यहां की ग्राम पंचायत को क्रमोन्नत कर नगर पालिका नहीं बनाया गया।
राजस्थान की सबसे बड़ी पंचायत
गौरतलब है कि बिजौलिया राजस्थान की सबसे बड़ी पंचायत है। सरकार को पत्थर व्यवसाय से सबसे ज्यादा राजस्व की प्राप्ति यहीं से होती है। नगर पालिका नहीं बनने से यहां आबादी के हिसाब से विकास कार्य नहीं हो पाते हैं। पालिका बनने से कस्बे का सही ढंग से विकास हो पाएगा। बिजौलिया को नगर पालिका बनाने की जल्द घोषणा करने की मांग पत्र में की गई है। पूर्व विधायक धाकड़ ने इस विषय में में आगे बात करने का आश्वासन दिया।
कई कर्मचारी रहे मौजूद
इस दौरान सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष कन्हैया लाल घुसर,वार्ड पंच विनोद घुसर,नवीन, अनिल, सचिन, लीला देवी, कांता देवी, मीरा बाई, रतन देवी, अंजू बाई, इंदिरा बाई के साथ ही अनेक सफाई कर्मचारी मौजूद रहेl
23 वार्डों में सफाई का जिम्मा
गौरतलब है कि बिजौलिया नगर के 23 वार्डों की सफाई का जिम्मा 90 कर्मचारियों पर है। प्रत्येक कर्मचारी को 2 घंटे की सफाई के एवज में 100 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से तनख्वाह दी जाती है। वहीं साफ सफाई की मॉनिटरिंग के लिए सहायक सचिवों को लगा रखा है जो सफाई के काम को सुनिश्चित करते हैं।
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