पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
न्यायालय, अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बरसों पुराने मामले को लेकर कलेक्टर, एसपी और तहसीलदार की सरकारी संपति कुर्क करने के वारंट जारी किए। वादी के वकील सावन श्रीमाली ने कुर्की के लिए इन अधिकारियों की कार, कुर्सी और आवास की सूची कोर्ट में पेश की थी। कोर्ट ने कुर्की वारंट की पालना के लिए 3 मार्च की पेशी नियत की। पीठासीन अधिकारी अमित दवे ने दीवानी प्रकरण में मंगलवार को यह अहम आदेश दिया।
मूल विवाद नगर परिषद के सामने स्थित एक कीमती भूखंड का है। तत्कालीन कलेक्टर आरएस गठाला ने विवादास्पद और सरकारी संपति मानते हुए अपने कार्यकाल में कब्जा कर इसे पुलिस विभाग को आबंटित कर दिया था। तब से इस पर पुलिस विभाग का कब्जा है और बाद में इस पर निर्माण कार्य कराकर एक आफिस भी चलाया जा रहा है।
वकील श्रीमाली के अनुसार यह जायदाद आशादेवी बंसल के कब्जे की रही है। तत्कालीन कलेक्टर गठाला ने बिना विधिक प्रक्रिया के पुलिस की मदद से कब्जा ले लिया। आशादेवी ने इस आदेश को न्यायालय में चुनौती दी थी। कोर्ट ने इस पर आशादेवी का ही हक़ माना।
निचली अदालत के इस आदेश के खिलाफ सरकार द्वारा एडीजे कोर्ट में अपील की गई पर वो भी ख़ारिज हो गई थी। आदेश की पालना के लिए आशादेवी की ओर से सन 2004 में इजराय लगाई गई। कोर्ट ने कलेक्टर, एसपी और तहसीलदार को यह भूमि डिक्रीदार को सुपुर्द करने के आदेश दिए पर इसकी पालना नहीं हुई।
प्रकरण हाल में तब वापस सुर्खियों में आया, जब कोर्ट ने दो बार तीनों अधिकारियों को व्यक्तिश कोर्ट में उपस्थिति के आदेश दिए, लेकिन कलेक्टर एंव एसपी उपस्थित नहीं हुए। मंगलवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कलेक्टर, एसपी व चित्तौड़ तहसीलदार की संपत्ति की सूचना मांगी। इस पर वादी के वकील सावन श्रीमाली ने तीनों अधिकारियों की कुर्सी, सरकारी गाड़ी एंव बंगले की जानकारी दी। न्यायाधीश दवे ने इस सूची अनुसार कुर्की वारंट जारी करने के आदेश दे दिए। वारंट की पालना के लिए तीन मार्च 2021 की पेशी नियत की गई।
कलेक्टर की अर्जी कोर्ट ने 5 हजार रुपए जुर्माना लगा खारिज की, 3 मार्च तक पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा
व्यक्तिश पेशियों पर नहीं आने और सरकारी वकील के मार्फत जवाब भेजने के साथ मौजूदा कलेक्टर केके शर्मा और एसपी दीपक भार्गव ने आदेश 47 जाब्ता दीवानी के तहत पूर्व डिक्री आदेश पर आपत्ति जताते हुए उसकी पालना नहीं करने के लिए आवेदन लगाए।
कोर्ट ने दोनों के ये आवेदन खारिज करते हुए उल्टा कलेक्टर पर 5000रुपए और एसपी पर 1 रुपए का अनुकरणीय जुर्माना भी लगाया। कारण, इस तरह के आवेदन और अपील पूर्व में ही खारिज हो चुके थे तो वापस लगाने को एक तरह से कोर्ट का समय जाया करना माना गया।
आगे क्या: तीनों अधिकारियों को सरकारी संपत्ति बचानी है तो 3 मार्च से पहले हाईकोर्ट जाना होगा
अधिनस्थ न्यायालय ने तीनों अधिकारियों की ये सरकारी संपति कुर्की का वारंट जारी करते हुए पालना के संबंध में 3 मार्च को पेशी रखी। यानी कोर्ट के सेल अमीन को कुर्की आदेश निकालकर इस तारीख तक संपति कुर्क करनी है। जानकारों के अनुसार कुर्की वारंट के खिलाफ सरकार की ओर से हाईकोर्ट में तत्काल याचिका लगाई जा सकती है।
यदि वहां से तत्काल सुनवाई के साथ कोई राहत मिली तो ठीक वर्ना इनकी कुर्सी, कार और आवास कुर्क हो सकते हैं। चूंकि मूल मामले में निचली व एडीजे कोर्ट तक पहले ही आपत्तियां खारिज हो चुकी हैं। इसलिए वे यहां अपील की बजाय सीधे हाईकोर्ट में जाने का रास्ता ही चुनेंगे।
पॉजिटिव- किसी विशिष्ट कार्य को पूरा करने में आपकी मेहनत आज कामयाब होगी। समय में सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है। घर और समाज में भी आपके योगदान व काम की सराहना होगी। नेगेटिव- किसी नजदीकी संबंधी की वजह स...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.