राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के धरियावद क्षेत्र में एक महिला को जबरन पकड़कर कोरोना वैक्सीन लगवाई गई। असल में उसे डर था कि वैक्सीन लगते ही उसकी मौत हो जाएगी। इसी डर से वह टीका नहीं लगवा रही थी, लेकिन गुरुवार को परिजनों ने नर्सिंगकर्मी को घर पर ही बुला लिया। उसे देखते ही महिला घर से भाग गई। उसका पति व अन्य परिवार वाले पीछे दौड़े और उसे घेर कर पकड़ लाए। इस दौरान महिला खूब चिल्लाई, रोई।
सभी ने वैक्सीन को सुरक्षित बताकर उसे समझाने की कोशिश भी की। बावजूद इसके महिला नहीं मानी और फिर भागने लगी। इस पर परिवार वालों ने उसे पकड़ना चाहा तो वह जमीन पर गिर गई। फिर घरवाले उसे चारों ओर से घेरकर बैठ गए। हाथ-पैर, सिर दबोचकर मौके पर ही वैक्सीन लगवा दी। इसी के साथ गांव में सभी योग्य व्यक्तियों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज लगाई जा चुकी है।
दूसरी लहर में इलाके में हुई थीं कई मौतें
धरियावद क्षेत्र में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान काफी मौतें हुई थीं। इसके बाद गाडरीयावास के अशिक्षित लोगों को डॉक्टर के पास जाने से भी डर लगने लगा। ग्रामीणों में डर बैठ गया कि अस्पताल जाते ही मौत हो जाएगी। प्रशासन और मेडिकल टीम ने घर-घर जाकर वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूक किया। इसका असर भी हुआ। गाडरीयावास के सभी लोगों ने अब वैक्सीन लगवा ली है। पूरे गांव में केवल नानी गायरी ही बच गई थी।
मौत होने का था डर
धरियावद क्षेत्र के गाडरीयावास की रहने वाली नानी गायरी पत्नी मन्ना गायरी के मन में कोरोना वैक्सीन को लेकर भ्रांति थी। उसे लगता था कि वैक्सीन लगाते ही उसकी मौत हो जाएगी। उसके पति व ससुराल वालों ने टीकाकरण करवाया है। इसके बावजूद वह वैक्सीन लगवाने से कतराती रही। परिवार वालों के काफी समझाने के बाद भी वह नहीं मानी।
वैक्सीन लगने के बाद कहा- मौत हो जाएगी
वैक्सीन लगने के बाद नानी रोने लगी। रोते-रोते कहा कि अब उसकी मौत हो जाएगी। परिवार वालों ने समझाया कि यह कोरोना से बचाव के लिए है। इससे किसी की मौत नहीं होगी। प्रशासन, मेडिकल टीम और मोहल्लेवासियों ने महिला के परिवार के सदस्यों की सराहना की।
कंटेंट, फोटो- हितेश पालीवाल, प्रतापगढ़
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