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पुराना शहर स्थित चतुर्मुखी पार्श्वनाथ कल्पद्रुम बड़ा मंदिर में 9 जनवरी काे 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ व चंद्रप्रभु का जन्म व तप कल्याणक मनाया जाएगा। 23वें तीर्थंकर के जन्म कल्याणक पर 23 इंद्रों द्वारा अभिषेक और शांतिधारा की जाएगी। कल्पद्रुम शहर का पहला मंदिर हाेगा, जहां 36 घंटियां हाेंगी और इनकी एक साथ आवाज से मंदिर गूंजायमान हाेगा। इस विशेष आयाेजन में शामिल हाेने के लिए श्रावक और भक्तों में उत्साह है।
इस दिन मंदिर में अभिषेक व शांतिधारा के साथ ही कई ओर धार्मिक कार्यक्रम भी हाेंगे। मंदिर के नवनिर्मित मुख्यद्वार का भी उद्घाटन भी किया जाएगा। सुबह 7 बजे से कार्यक्रम शुरू हाेंगे। भगवान पार्श्वनाथ सहित कल्पद्रुम बड़ा मंदिर में विराजित सभी प्रतिमाओं पर 23 इंद्राें द्वारा अभिषेक व शांतिधारा हाेगी। चंद्रप्रभु भगवान का भी जन्म कल्याणक होने से चंद्रप्रभु भगवान पर भी शांतिधारा व अभिषेक हाेगा। भगवान की अष्टधातु की प्रतिमा पर 108 रिद्धि मंत्रों से अभिषेक के बाद पार्श्वनाथ विधान हाेगा।
प्रवक्ता पवन अजमेरा के अनुसार बड़े मंदिर काे एक साथ 36 घंटियाें से गुंजायमान करने की तैयारियां की जा रही है। संयोजक अशोक सेठी ने बताया कि पार्श्वनाथ भगवान के साथ चंद्रप्रभु भगवान के जन्म एवं तप कल्याणक काे लेकर उत्साह है। मनोज सोनी द्वारा 108 रिद्धि मंत्रों का उच्चारण किया जाएगा।
भक्ति गीताें के साथ हाेगी पूजा
प्रवक्ता अजमेरा ने बताया कि भगवान का जन्म व तप कल्याणक संगीतमय भक्ति गीताें के बीच मनाया जाएगा। ऑर्केस्ट्रा की धुन व गीताें पर सुबह 7 से 10 बजे तक श्रावक चतुर्मुखी पार्श्वनाथ व चंद्रप्रभु भगवान के साथ ही अन्य प्रतिमाओं का भी अभिषेक व पूजा करेंगे। जन्म कल्याणक में शहर की विभिन्न काॅलाेनियाें से दिगंबर जैन समाज के श्रद्धालु शामिल हाेंगे।
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