सरकार ने गरीब लोगों को बेहतर इलाज मिल सके इसके लिए चिरंजीवी बीमा योजना शुरू की है। लेकिन यह योजना सिर्फ सुनने में ही लाभकारी नजर आ रही है। हकीकत में गरीब और जरूरतमंद लोगों को इस योजना का कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है। भीलवाड़ा में एक पात्र व्यक्ति ने बीमा योजना का फायदा समझकर एक निजी अस्पताल में अपनी पत्नी का इलाज करवाया। इलाज पूरा होते ही निजी अस्पताल प्रबंधन ने उसे 90 हजार रुपए का बिल थमा दिया। अपने आप को ठगा सा महसूस कर वह व्यक्ति कलेक्टर व सीएमएचओ से भी इसकी शिकायत कर चुका है। लेकिन अभी तक उसे कोई राहत नहीं मिली ।
दरअसल, शाहपुरा के कहारों की हथाई निवासी लक्ष्मी पत्नी रविशंकर शर्मा की तबीयत खराब होने के बाद उसे भीलवाड़ा के स्वास्तिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया। 25 अगस्त को उसके लिवर का ऑपरेशन किया गया। इस पूरी प्रक्रिया में अस्पताल की ओर से करीब 90 हजार रुपए के बिल बनाए गए। जब मरीज के पति रविशंकर सोनी ने अस्पताल को चिरंजीवी बीमा योजना में पात्र होने की बात कही तो अस्पताल प्रबंधन ने इससे साफ मना कर दिया। इसके बाद पीड़ित इस मामले को लेकर कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते और सीएमएचओ से शिकायत भी कर चुका है। इसके बाद भी पीड़ित को राहत नहीं मिली है।
अस्पताल प्रबंधन का यह कहना है
इस मामले में जब स्वास्तिक अस्पताल प्रबंधन से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मरीज के साथ आए परिजनों ने फॉर्म पर साइन किया था। जिसमें उन्होंने अपने आप को चिरंजीवी योजना का अपात्र बताया था। इसके बाद ही ऑपरेशन किया गया था।
पीड़ित ने कहा- धोखेबाजी से करवाए साइन
इस मामले में मरीज के पति रवि शंकर सोनी ने बताया कि उनके पास चिरंजीवी बीमा योजना में पात्र होने के सभी दस्तावेज पड़े हैं। उन्होंने कहा कि वह बीपीएल परिवार से जुड़े हुए हैं। जिन्हें चिरंजीवी योजना में पात्र बताया हुआ है। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन के सामने यह सभी दस्तावेज पेश भी किए। लेकिन, अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें बिल के पैसे जमा करवाने को कह दिया।
पहले भी सामने आ चुके मामले
गौरतलब है कि इससे पहले भी चिरंजीवी योजनाओं में पात्र मरीजों से पैसे लेने के मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे ही मामलों में जिला प्रशासन की ओर से स्वास्तिक अस्पताल प्रबंधन को पहले भी चेताया जा चुका है।
सीएमएचओ नहीं उठाते कॉल
इस मामले में दैनिक भास्कर ने जानकारी लेने के लिए सीएमएचओ मुश्ताक खान को कई बार कॉल किए। लेकिन उन्होंने एक बार भी कॉल नहीं उठाया।
अस्पताल में इलाज करवाने से डर रहे गरीब
भीलवाड़ा में यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी निजी अस्पतालों में इलाज कराने गए गरीब लोगों से अस्पताल प्रबंधन द्वारा पैसे वसूले गए थे। अब यह मामला सामने आने के बाद चिरंजीवी बीमा योजना के पात्र होने के बावजूद भी गरीब लोग इन अस्पतालों में इलाज करवाने नहीं जा रहे हैं। सबसे बड़ा कारण यह भी है कि मामला सामने आने के बाद भी प्रशासन की ओर से भी इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.