शहर के विकास का जिम्मा संभाल रही दाे प्रमुख एजेंसियों नगर परिषद व यूआईटी से लगातार फाइलें गायब हाे रही हैं। परिषद ने नामांतरण की फाइलें गायब हाेने पर काेतवाली पर एफआईआर दर्ज कराई है लेकिन इसका कुछ पता नहीं चला है। वहीं यूआईटी में भी नामांतरण, भूखंड आवंटन सहित कई ऐसी फाइलें गायब हैं।
ऐसे में आवंटी चक्कर लगाते हैं लेकिन फाइलें नहीं मिलने से काम नहीं हाे पा रहे हैं। स्थिति यह है कि इन दाेनाें संस्थाओं में फाइल लाने-ले जाने काे लेकर इतनी छूट दे रखी है कि आम आदमी भी अपनी फाइलें लेकर घूमता रहता है। बाद मे किस अनुभाग में फाइल जाती है इसका पता ही नहीं पड़ता है। दाेनाें संस्थाओं में इस तरह की गड़बड़ हाेने से आम आदमी भी परेशान है। अब यूआईटी व परिषद ने इस व्यवस्था में कुछ बदलाव किया है। इससे गड़बड़ रुकने की ।
फाइलें आवंटी लेकर जाते हैं सेक्शन में, एफआईआर दर्ज फिर भी समाधान नहीं
नगर परिषद पार्षद व ठेकेदार काे नहीं देंगे फाइल आम लोग और पार्षद, जनप्रतिनिधि विभिन्न शाखाओं से पत्रावलियां लेकर अन्य कार्मिक के पास साइन के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। इन पर रोक लगाने के लिए आयुक्त दुर्गाकुमारी ने आदेश जारी किए हैं। इससे पत्रावलियों के घूमने और परिषद की गोपनीयता भंग होने की संभावना रहती है।
यह गंभीर अनियमितता की श्रेणी में आता है। अब से परिषद की कोई पत्रावली कार्यालय का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी या आवश्यक होने पर स्वयं साथ लेकर आए है। किसी भी अनुभाग की पत्रावली परिषद कार्मिक के अलावा अन्य के साथ भिजवाई गई तो कार्मिक पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
यूआईटी शुरू हाेगा फाइल ट्रेकिंग सिस्टम फाइलें गायब हाेने की समस्या काे देखते हुए यूआईटी बदलाव कर रही है। सचिव महिपालसिंह ने बताया कि अब फाइल ट्रेकिंग सिस्टम शुरू किया जा रहा है। सेक्शन से फाइल निकलने पर ऑनलाइन एंट्री हाेगी। इससे पता चलेगा कि वर्तमान में फाइल कहां है। बड़े हाॅल काे अब नागरिक सेवा केंद्र बना रहे हैं।
ऐसे में किसी भी व्यक्ति काे अब सामान्य काम के लिए यूआईटी के अंदर आने की जरुरत नहीं हाेगी। नागरिक सेवा केंद्र पर ऑनलाइन आवेदन से ही उसका काम हाे जाएगा। फाइलाें की स्थिति भी पता चल सकेगी। वहीं बिजली व सड़क संबंधित समस्या के लिए टाेल फ्री नंबर दिया जाएगा। इससे तुरंत समाधान हाेगा।
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