जलदाय विभाग की सुभाषनगर में जीणमाता मंदिर के पास करीब 30 साल पहले बनाई 3.50 लाख लीटर क्षमता की टंकी के 5 खंभाें में दरारें आ गईं। सुरक्षा की दृष्टि से पिछले 2 महीनाें से इस टंकी से जलापूर्ति बंद कर सुभाषनगर व आसपास के क्षेत्राें के उपभाेक्ताओं काे आरके काॅलाेनी स्थित टंकी व पंप हाउस से सीधे पंप लगाकर जलापूर्ति की जा रही है।
जलदाय विभाग द्वारा इसमें पानी भरना बंद किए जाने से उपभाेक्ताओं के घराें तक पर्याप्त पानी नहीं पहुंचने से पेयजल संकट उत्पन्न हाे रहा है। विभाग ने वर्ष 91-92 में सुभाषनगर क्षेत्र में रहने वालाें काे जलापूर्ति के लिए इस टंकी का निर्माण कराया था।
जिसके खंभाें में पिछले 5-7 महीनाें से दरारें दिखाई देने पर भी जलापूर्ति के लिए टंकी में पानी भरा जा रहा था, लेकिन पिछले 2 महीने से दरारें बढ़ने से इस टंकी में पानी भरना बंद कर उपभाेक्ताओं काे सीधे पंप चलाकर जलापूर्ति करना शुरू किया। सुभाषनगर की इस टंकी काे हटाकर अब नई बनाई जाएगी।
आरके काॅलाेनी की टंकी और 60 एचपी के पंप से पहुंचाया जा रहा पानी
जलदाय विभाग ने टंकी भरना बंद कर 15-15 एचपी के दाे पंप से सीधे उपभाेक्ताओं काे पानी पहुंचाना शुरू किया, पर प्रेशर के अभाव में घराें तक पर्याप्त पानी नहीं पहुंचने से आवश्यकता की पूर्ति नहीं हाे रही थी। इस कारण विभाग के कंट्राेल रूम पर शिकायतें बढ़ीं, ताे उपभाेक्ताओं की परेशानी दूर करने के लिए जलदाय विभाग ने आरके काॅलाेनी स्थित टंकी व जीणमाता मंदिर के पास स्थित 60 एचपी के पंप से पानी पहुंचा आवश्यकता की पूर्ति की जा रही है।
सुभाषनगर मेन सेक्टर व मलाण काे आरके काॅलाेनी की टंकी से दिया जा रहा पानी
सुभाषनगर में जीणमाता मंदिर के पास स्थित क्षतिग्रस्त टंकी अब नई बनाई जाएगी। इसके लिए अधिकारियाें ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। वर्तमान में बड़े जाेन सुभाषनगर मेन सेक्टर व मलाण काे शाम काे आरके काॅलाेनी की चंबल परियाेजना के तहत बनी टंकी से पानी पहुंचाया जा रहा है। वहीं जीणमाता के आसपास के क्षेत्राें काे सीधे पंप चलाकर जलापूर्ति की जा रही है।
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