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सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों के लिए आयोजित होने वाले खेलकूद आयोजनों में भाग लेने वाले खिलाड़ियाें के लिए अच्छी खबर है। खेलकूद के आयाेजनाें के नियमों में 15 साल बाद एक बार फिर से फेरबदल किया जा सकता है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में पिछले तीन दिन से नियमों में परिवर्तन को लेकर मशक्कत चल रही थी। कक्षा छह से बारह तक की खेलकूद गतिविधियों में नए शिक्षा सत्र में सुधार होने की उम्मीद की जा सकती है, खासकर विद्यार्थियों को मिलने वाले भत्तों की राशि बढ़ सकती है। शिक्षा निदेशालय ही प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है। सरकारी व निजी स्कूलों के हजारों बच्चे इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं।
जानकारी के अनुसार प्रदेशभर के बच्चों को अब स्कूली खेलकूद प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए यात्रा व भोजन भत्ते में बढ़ोतरी की जाएगी। इसके साथ ही अधिकांश गेम्स अब जिला मुख्यालय पर करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में प्रतियोगिताएं होने से बहुत ज्यादा दूरी बच्चों को तय करनी पड़ती है। कई बार सड़क हादसे भी हो जाते हैं। खेलकूद प्रतियाेगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियाें ने कहा कि भत्ताें में सुधार के साथ अन्य सुविधाओं में भी सुधार किया जाना बेहद जरूरी है।
प्रशिक्षण में हिस्सा लेने पर महज 50रु मिलते थे
राज्य के जिन बच्चों को राज्य व राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए चयन होता है, उन्हें प्रतियोगिता स्थल पर जाने, प्रशिक्षण में हिस्सा लेने के लिए पहले महज 50 रुपए मिलते थे। इसे बाद में संशोधित करके 150 रुपए किया गया। अब इस राशि में फिर से बढ़ोतरी के प्रस्ताव दिए गए हैं।
राज्यभर से आए खेल प्रशिक्षक : काेराेना वायरस के चलते इन दिनों प्रदेशभर में स्कूली खेलकूद गतिविधियां ठप हैं। ऐसे में स्कूली खेल नियमावली को बदलने के लिए निदेशालय स्तर पर तैयारी की गई है। इस दौरान राज्यभर के वरिष्ठ खेल शिक्षकों, प्रशिक्षकों को बीकानेर बुलाया गया।
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