कांस्टेबल को निलंबित करने का आदेश:कांस्टेबल को वकील के दफ्तर में पिटीशनर को धमकाने और सुनवाई के दौरान ऑन ड्यूटी बगैर वर्दी हाईकोर्ट में मौजूद रहना भारी पड़ गया

भीलवाड़ा2 वर्ष पहले
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एक कांस्टेबल को वकील के दफ्तर में पिटीशनर पर रौब दिखाने और सुनवाई के दौरान ऑन ड्यूटी बगैर वर्दी हाईकोर्ट में मौजूद रहना भारी पड़ गया। राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस संदीप मेहता व मनोज कुमार गर्ग ने इसे गंभीर कदाचार मानते हुए भीलवाड़ा एसपी को कांस्टेबल के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई व निलंबित करने के आदेश दिए हैं।

प्रारंभिक जांच रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश करने के लिए कहा है। जबकि कॉरपस युवती को दबाव में और बयान देने की स्थिति में नहीं होने पर नारी निकेतन भेज दिया। मामले में 16 जुलाई को फिर सुनवाई होगी।

पोकरण निवासी याचिकाकर्ता कवीशनाथ की ओर से अधिवक्ता सिकंदर खान ने कॉरपस को कोर्ट में उपस्थित करने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। निर्देश पर कॉरपस को कोर्ट में पेश किया गया, लेकिन कोर्ट को प्रतीत हुआ कि वह दबाव की वजह से बयान देने में असमर्थ है।

याचिकाकर्ता के वकील कोर्ट के ध्यान में लाए कि कांस्टेबल चंद्रपाल सिंह जो भीलवाड़ा जिले के करेड़ा थाने में पदस्थापित हैं जुलाई के पहले सप्ताह में उसके ऑफिस आया, जहां पिटीशनर मौजूद था और बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर हस्ताक्षर कर रहा था, जिसे धमकाया उसका मोबाइल जबरदस्ती लेकर चला गया।

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