सरकारी हॉस्पिटल में वार्मर से झुलसे दूसरे बच्चे की भी मौत हो गई। वह मात्र 10 दिन का था। मशीन ज्यादा हीट होने की वजह से 2 बच्चे झुलस गए थे। एक की मौत बुधवार को ही हो गई थी। वह मात्र 21 दिन का ही था। दूसरे बच्चे की मौत गुरुवार सुबह हुई है।
मासूमों की मौत के बाद हॉस्पिटल में परिवार वालों ने हंगामा खड़ा कर दिया। पुलिस ने उन्हें खूब समझाने की कोशिश की। परिवार वालों ने 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। अगर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो 31 अक्टूबर को भीलवाड़ा बंद की चेतावनी दी है। मामला भीलवाड़ा के महात्मा गांधी हॉस्पिटल का है।
बच्चे जलते रहे, स्टाफ को पता भी नहीं चला
परिवार वालों ने बताया कि स्टाफ की लापरवाही से दो दिन में दो बच्चों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि NICU (नवजात गहन चिकित्सा इकाई) में लगाए स्टाफ को ट्रेनिंग के बिना ही लगा दिया गया। उन्हें न तो मशीन को ऑपरेट करने और न ही बच्चों को ट्रीट करने की ट्रेनिंग दी गई। दोनों बच्चे वार्मर मशीन की एक लीड से जुड़े हुए थे। हीट ज्यादा होने पर दोनों जल गए थे। इसके बाद भी लापरवाह स्टाफ को पता नहीं चला था। परिजन अपने बच्चों को देखने गए तब उनके झुलसने का पता चला था।
10 दिन का बच्चा जिंदगी और मौत की जंग हारा
भीलवाड़ा के हुरड़ा के रहने वाले विष्णु खटीक ने बताया कि 10 दिन का बेटे को तबीयत खराब होने पर 22 अक्टूबर को हॉस्पिटल लेकर आए थे। डॉक्टरों ने उसे एमसीएचसी सेंटर के NICU वार्ड में रखा था। बुधवार तड़के 3 बजे उसकी बुआ दूध पिलाने NICU में गई थी। तभी बच्चा झुलसा मिला। पिता ने बताया कि प्री-मैच्योर और कम वजनी बच्चों को वार्मर पर रखा गया था। वार्ड में बच्चों के पास वार्मर लगी हुई थी। मंगलवार रात को कर्मचारियों की लापरवाही से मशीन की हीट बढ़ गई थी। इससे उनका 10 दिन का बेटा झूलस गया था। बेटे ने इलाज के दौरान गुरुवार को दम तोड़ दिया।
परिजनों ने की मुआवजे की मांग
10 दिन के बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया। उन्होंने स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया। मामले की जानकारी पर पुलिस मौके पर पहुंची और समझाने का प्रयास किया। परिजन स्टाफ पर कार्रवाई और मुआवजे की मांग पर अड़े रहे। 24 घंटे में स्टाफ पर कार्रवाई के आश्वासन पर मामला शांत हुआ।
एक दिन पहले 21 दिन की बच्ची की मौत
एमसीएचसी सेंटर के NICU वार्ड में चित्तौड़गढ़ के मरमी गांव के रहने वाले पप्पू वैष्णव की 21 दिन की बेटी भी भर्ती थी। मशीन की हीट ज्यादा होने से वह जल गई थी और मौत हो गई थी। परिजनों के हंगामे के बाद हॉस्पिटल अधीक्षक ने डॉक्टरों की जांच कमेटी गठित की थी।
जॉइंट डायरेक्टर जांच करने पहुंचे
मेडिकल डिपार्टमेंट के जॉइंट डायरेक्टर इंद्रजीत सिंह आज शाम हॉस्पिटल में जांच करने पहुंचे। उन्होंने डॉक्टरों की टीम के साथ NICU में मशीनों को देखा। वहीं हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. अरुण गौड़ ने बताया कि मामले में रात को NICU में ड्यूटी कर रहे ठेका कर्मचारी समीर रंगरेज व अहमद अली को हटा दिया गया है। मामले में कमेटी का गठन किया गया है, जिसे जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए है। कमेटी की रिपोर्ट आते ही दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी।
48 ठेकाकर्मियों को ट्रेनिंग के बिना सीधा वार्डों में लगाया
इलेक्ट्रिक स्विच से बॉडी को टच करने वाली लीड गलत लगाई
सूत्र बताते हैं कि रेडियंट वार्मर से एक लीड नवजात के सीने पर लगाई जाती है। इससे मशीन नवजात के शरीर के अनुसार तापमान स्थिर रखती है। एक ही वार्मर पर दो नवजात होने से लीड एक ही नवजात के लगी थी। लीड सही से नहीं लगी होने के कारण मशीन का पावर ऑटो कट नहीं हुआ। झुलसने से दो नवजात बच्चों की मौत हो गई।
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अस्पताल में जलने से 21 दिन की बच्ची की मौत:NICU में भर्ती थी; वॉर्मर पर पिता को झुलसी मिली, परिजनों का हंगामा
भीलवाड़ा के महात्मा गांधी हॉस्पिटल में वॉर्मर में ज्यादा तापमान रखने से 21 दिन की बच्ची की मौत हो गई। एक दूसरा बच्चा झुलस गया। वजन कम होने के कारण बच्ची को NICU में रखा गया था। NICU के बाहर खड़ा पिता बेटी को देखने गया तो उसके होश उड़ गए।
चित्तौड़गढ़ के मरमी गांव के रहने वाले पप्पू वैष्णव ने बताया कि 5 अक्टूबर को बेटी पैदा हुई थी। तबीयत खराब होने पर 10 अक्टूबर को एमसीएचसी में भर्ती करवाया गया था। डॉक्टरों ने जांच के बाद बच्ची का वजन कम होने पर NICU में रख दिया। NICU में रात के समय ठेके पर लगे दो कर्मचारी ड्यूटी पर थे। उन्होंने बताया कि मंगलवार रात तीन बजे वह अपनी बच्ची के पास गया तो वह झुलसी मिली। वॉर्मर से ज्यादा हीट होने के कारण बच्ची जल गई। डॉक्टरों ने जब तक देखा उसकी मौत हो चुकी थी। (पूरी खबर पढ़ें...)
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